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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) कैडर के आईएएस अफसर शाह फैसल (Shah faisal) ने अपने पद से इस्तीफा देकर जब राजनीति में आने का फैसला लेते हुए अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया था। तो प्रदेश के लोगों को घाटी में एक नई राजनीति की सुगबुगाहट महसूस हुई थी। शहला राशिद जैसे युवाओं का समर्थन लेकर अपनी राजनीति को चमकाने की कोशिश करने वाले शाह फैसल ने अब खुद की बनाई पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
शाह फैसला द्वारा लिया गया यह फैसला जहां लोगों को हैरान कर रहा है। वहीं, राजनीतिक पंडित इस इस्तीफे को लेकर कुछ और ही गणित भिड़ा रहे हैं। शाह फैसल के प्रशासनिक सेवा में वापस शामिल होने की भी संभावना है। बताया जा रहा है कि शाह फैसल फिर से प्रशासनिक सेवा ज्वाइन कर सकते हैं। दरअसल, इसकी बड़ी वजह ये भी मानी जा रही है कि आईएएस सेवा से दिया गया उनका इस्तीफा अब तक स्वीकार नहीं किया गया है। दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका जा सकते हैं। हालांकि, फैसल की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पीएसए के तहत हिरासत में लिए गए फैसल को हाल ही में रिहा किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में मनोज सिन्हा का उपराज्यपाल बनने और शाह फैसल के इस्तीफे के बाद कहा जा रहा है कि अब तक आईएएस अफसरों की सलाहकार समिति के साथ काम करने वाले लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए अब केंद्र एक नए प्रयोग की पटकथा लिख रहा है। जो संभावित विकल्प नजर आ रहे हैं, उसमें सबसे प्रमुख उप राज्यपाल के लिए राजनीतिक समिति बनाने का है।
बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य प्रशासन प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों की बहाली के लिए गवर्नर के साथ एक राजनीतिक सलाहकार समिति बनाने की योजना पर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार, शाह फैसल का इस्तीफा भी इसी समिति का हिस्सा बनने के लिए कराया गया है। इसके अलावा ये भी अटकलें हैं कि अगर शाह फैसल फिर से नौकरशाही में लौटते हैं तो भी उन्हें राजभवन के करीबी पद पर ही जगह दी जाएगी।
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