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अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की एक नई क्रांति, पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च
भारत (India) का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस (Vikram-S) आज लॉन्च हो गया। इतिहास में यह पहली बार है कि एक प्राइवेट रॉकेट ने स्पेस में उड़ान भरी है। अब स्काईरूट एयरोस्पेस रॉकेट विकसित करने और उड़ाने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बन गई है। रॉकेट ने आज सुबह 11:30 बजे श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से उड़ान भरी। इसको हैदराबाद स्थित एयरोस्पेस की ओर से डिवेलप किया गया है। वहीं इस संबंध में कंपनी के सीईओ और को फाउंडर ने बताया कि विक्रम-एस रॉकेट एक सिंगल स्टेज सब आर्बिटल लॉन्च व्हीकल (Single Stage Sub Orbital Launch Vehicle) है। यह तीन उपभोक्ताओं को पेलोड ले जाएगा। वहीं बताया जा रहा है कि रॉकेट की लॉन्चिंग सफल रही है। कंपनी 3 विक्रम रॉकेट डिजाइन कर रही है जो क्रायोजेनिक ईंधन इस्तेमाल करेंगे। इसका वजन 545 किलोग्राम है। यह 6 मीटर लंबा रॉकेट है। अपनी पहली उड़ान में यह स्पेस किड्ज इंडिया, बाजूमक आर्मेनिया और एन.स्पेस टेक इंडिया के 3 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में लेकर गया है।
Ascent of @SkyrootA's Vikram-S launcher today from Sriharikota #MissionPrarambh pic.twitter.com/ysXWA61FgB
— ISRO (@isro) November 18, 2022
इसरो के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि रॉकेट लॉन्च होने से 3 घंटे पहले उलटी गिनती शुरू हो गई थी। स्काई रूट एयरोस्पेस रॉकेट विकसित करने और उड़ाने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की कंपनी बनने जा रही है। हैदराबाद स्थित इस रॉकेट स्टार्टअप की स्थापना जून 2018 में पवन कुमार चंदना (Pawan Kumar Chandna) और नागा भारत डाक द्वारा की गई थी। अब तक कंपनी ने 526 करोड़ जुटाए हैं और कंपनी में लगभग 200 कर्मचारी हैं। लॉन्च के दौरान स्काई रूट के अधिकारी समेत सरकार से जुड़े लोग और इसरो के प्रतिनिधि मौके पर मौजूद थे। इस संबंध में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने इस संबंध में कहा कि अंतरिक्ष तकनीक और नवोन्मेष के क्षेत्र में इसरो के साथ काम करने के लिए 100 स्टार्ट-अप समझौता हुआ था। निजी रॉकेट विक्रम-एस की लॉन्चिंग 18 नवंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से हुई।
Mission Prarambh is successfully accomplished.
Congratulations @SkyrootA
Congratulations India! @INSPACeIND pic.twitter.com/PhRF9n5Mh4— ISRO (@isro) November 18, 2022
मौसम खराब होने के चलते रॉकेट का पहला उप कक्षीय लॉन्च 15 नवंबर की जगह 18 नवंबर को किया गया था। पहले स्काई रूट एयरोस्पेस प्रवक्ता ने इस संबंध में बताया था कि मौसम खराब होने का पूर्वामान लगाया गया था। इसी श्रीहरिकोटा विक्रम-एस रॉकेट लॉन्च के लिए 15-19 नवंबर तक एक नई लॉन्च विंडो दी गई। इसकी संभावित तारीख 18 नवंबर रखी गई थी। स्काई रूट एयरोस्पेस के प्रथम मिशन को प्रारंभ नाम दिया गया है। 100 में से करीब 10 ऐसी कंपनियां जो सैटेलाइट और रॉकेट विकसित करने में जुटी हुई हैं। उन्होंने इस दौरान कहा कि चंद्रयान तृतीय भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कई अभियानों पर इसरो और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नास के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनके रोजमर्रा के जीवन कई तरह का इस्तेमाल होता है। बहुत से स्टार्ट-अप इसी पहलू पर काम कर रहे हैं। वहीं इसरो भारत सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और स्मार्ट विनिर्माण प्रक्रियाओं का अहम भागीदार है।