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जयराम ने दिखाए तेवरः डिनोटिफाई किए संस्थानों को लेकर सदन के अंदर और बाहर घेरेंगे
मंडी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के खूब हंगामेदार रहने की उम्मीद है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपने मंडी दौरे के दौरान कहा कि प्रदेश में डिनोटिफाई किए गए संस्थानों का मुद्दा निश्चित रूप से विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनहित का है और इस मुद्दे को बीजेपी विधानसभा के बाहर और अंदर दोनों जगह उठाएगी। इसको लेकर शिमला में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है और बीजेपी के हस्ताक्षर अभियान के तहत इकट्ठा किए गए, लोगों के लाखों हस्ताक्षर राज्यपाल को ज्ञापन के साथ सौंपे जाएंगे।
हिमाचल में तीन माह में हालत बिगड़े
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में संस्थानों को डिनोटिफाई करने के बाद असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। जहां इस प्रकार की परिस्थितियों से सरकार को अपने तीसरे या चौथे वर्ष में गुजरना पड़ता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश में 3 माह में ही परिस्थितियां बिगड़ चुकी हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि डी-नोटिफिकेशन को लेकर प्रदेश की जनता में रोष और आक्रोश है और सड़कों पर उतर कर लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आक्रोश रैलियों के माध्यम से लोग अपने आप पहुंच कर अपना रोष व्यक्त कर रहे हैं। लोगों के गुस्से का अंदाजा मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिला में बीजेपी की हुई आक्रोश रैलियों में इकट्ठा हुए जनसमूह से लगाया जा सकता है।
अभी तक ओपीएस नहीं दे पाई कांग्रेस सरकार
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर पूछे सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी द्वारा पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाली की गारंटी दी गई थी। लेकिन आज कांग्रेस सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकर रही है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा हर कैबिनेट में ऑफिस को लेकर बात की जा रही है। लेकिन कर्मचारियों को ओपीएस कब और कैसे मिलेगी इसके बारे में आज तक सरकार नहीं बता पाई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांग ओपीएस है, इसमें कर्मचारी किसी भी तरह हेरफेर नहीं चाहते हैं। सरकार कर्मचारियों की मांग को लेकर अभी तक ओपीएस नहीं दे पाई है।