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दोषी के कान में यह आखिरी शब्द कहता है जल्लाद, फिर लगाता है फंदा
Last Updated on April 28, 2022 by sintu kumar
आपने फांसी की सजा के बारे में तो बहुत बार सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फांसी के दिन जेल में दोषी के साथ क्या होता है। फांसी के दिन जल्लाद (Jallad) दोषी के कान में दो आखिरी शब्द बोलता है और फिर फंदे पर लटका देता है। बता दें कि किसी भी मुजरिम को फांसी पर लटकाने से पहले जल्लाद दोषी के वजन का पुतला फंदे के साथ लटकाकर ट्रायल करता है। इस ट्रायल के बाद ही फांसी देने वाली रस्सी का ऑर्डर दिया जाता है। इसके अलावा दोषी के परिजनों को फांसी के दिन के 15 दिन पहले ही उसकी फांसी की सूचना दी जाती है।
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जानकारी के अनुसार, फांसी से पहले जल्लाद दोषी के पास जाता है और उसके काम में कहता है “मुझे माफ कर देना। मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं और कानून के हाथों मजबूर हूं।” वहीं, अगर मुजरिम हिंदू हो तो जल्लाद उसे आखिरी बार राम-राम बोलता है और अगर मुस्लिम हो तो जल्लाद उसे आखिरी दफा सलाम कहता है। इसके बाद जल्लाद लीवर खींचता है और मुजरिम को फंदे पर लटका देता है। बताया जाता है कि जल्लाद दोषी को फंदे पर तब तक लटका कर रखता है जब तक कि उसके प्राण नहीं निकलते। इसके बाद वहां मौजूद डॉक्टर दोषी की नब्ज टटोलते हैं और मौत की पुष्टि होने के बाद दोषी का शव परिजनों को सौंप दिया जाता है।
फांसी के दिन होता है ये सब
फांसी वाले दिन दोषी को नहलाया जाता है और नए कपड़े दिए जाते हैं। इसके बाद सुबह ही जेल सुपरिटेंडेंट की निगरानी में गार्ड दोषी को फांसी कक्ष में ले जाते हैं। फांसी के वक्त फांसी कक्ष में दोषी के साथ केवल जल्लाद ही मौजूद होता है। हालांकि, फांसी के दिन फांसी कक्ष में सुबह जल्लाद के अलावा तीन अधिकारी मौजूद रहते हैं, जिनमें जेल सुप्रीटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर और मजिस्ट्रेट शामिल होते हैं। फांसी से पहले सुपरिटेंडेंट मजिस्ट्रेट को बताते हैं कि दोषी की पहचान हो गई है और उसे उसका डेथ वॉरंट (Death Warrant) पढ़कर सुना दिया गया है। इस डेथ वॉरंट पर दोषी के साइन करवाए जाते हैं और उसकी आखिरी इच्छा पूछी जाती है। इसके बाद जेल मैनुअल के हिसाब से दोषी की सभी इच्छा पूरी की जाती हैं।