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भिंडरावाले के गांव से गिरफ्तार अमृतपाल को पुलिस ले गई डिब्रूगढ़, सुबह गुरुद्वारा में किया संबोधन
फरार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Khalistan supporter Amritpal Singh) आखिरकार संडे की सुबह पकड़ा गया। अमृतपाल सिंह पंजाब से 18 मार्च से फरार चल रहा था। आज सुबह मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारा (Gurudwara in Rode village of Moga) में पकडे जाने से पहले उसने गुरुद्वारा साहिब से संबोधन किया। यह जरनैल सिंह भिंडरावाला का गांव (Village of Jarnail Singh Bhindranwale) है, यही उसकी दस्तारबंदी हुई थी। अमृतपाल सिंह कथित तौर पर युवाओं को बंदूक संस्कृति की ओर ले जाना चाहता था और पंजाब को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहा था। मोगा खालिस्तानी अलगाववादी और आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। अमृतपाल सिंह उसका अनुयायी होने का दावा करता रहता है और उसके समर्थक उसे भिंडरावाले के रूप में मानते हैं।
#AmritpalSingh arrested in Moga, Punjab.
Further details will be shared by #PunjabPolice
Urge citizens to maintain peace and harmony, Don't share any fake news, always verify and share.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) April 23, 2023
शनिवार रात आ गया था गुरूद्वारे में
गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल ने गुरुद्वारे के अंदर मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। अमृतपाल रोडेवाल गुरुद्वारे में शनिवार की रात को आया था। कई दिनों से सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुईं थीं। करीब 36 दिन बाद अमृतपाल सिंह पुलिस के हाथ लगा है। अमृतपाल ने बीती 29 मार्च को एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने दावा किया था कि वह बच निकलने में कामयाब रहा है और अब सुरक्षित है। अमृतपाल ने सशर्त आत्मसमर्पण की बात भी कही थी लेकिन इस संबंध में भी पुलिस के सारे अनुमान गलत साबित हुए थे। पुलिस का अनुमान था कि अमृतपाल ने वीडियो में सरबत खालसा बुलाने का आह्वान इसलिए किया है ताकि वह किसी बड़े गुरुद्वारे में संगत की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करे। इसके आधार पर पुलिस ने बैसाखी पर राज्य के सभी बड़े गुरुद्वारों में सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेडिंग किए लेकिन अमृतपाल कहीं नहीं पहुंचा था।
पंजाब पुलिस पर उठे थे सवाल
बीते एक महीने में अमृतपाल पंजाब पुलिस (Punjab Police) को दो बार चकमा देकर बच निकलने में कामयाब रहा। इसके चलते पुलिस पर भी सवाल खड़े होने लगे थे और पूरे घटनाक्रम को पंजाब पुलिस और खुफिया तंत्र की नरमी करार दिया जा रहा था। सिख नेताओं ने खुलेआम आरोप लगाए थे कि अमृतपाल सिंह के मामले में राजनीतिक सांठगांठ है। पुलिस और उसकी एजेंसियों की तैनाती के अलावा अमृतपाल की गिरफ्तारी में मिली असफलता पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी सवाल उठाए थे। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ एनएसए के तहत केस दर्ज किया हुआ है लेकिन अब तक सिर्फ अमृतपाल के समर्थक और भागने में मदद करने वाले ही पुलिस के हत्थे चढ़े थे।\
रासुका के साथ ही छह अन्य मामले भी हैं दर्ज
वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (रसुका ) के साथ ही छह अन्य मामले भी दर्ज हैं। इनमें हत्याएं, अपहरण और अवैध वसूली जैसे गंभीर मामलों की धाराएं लगी हैं। सुरक्षा कारणों से अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया है। दरअसल अमृतपाल को पंजाब की जेल में रखने से राज्य में तनाव बढ़ने की आशंका थी और इसके चलते अजनाला पुलिस स्टेशन जैसी घटना होने की भी आशंका थी। यही वजह है कि पंजाब पुलिस ने एहतियातन अमृतपाल सिंह को पंजाब से दूर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेजने का फैसला किया है।