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इन निजाम ने 35 साल तक पहनी थी एक ही टोपी, टिन कि प्लेट में खाते थे खाना
Last Updated on April 25, 2022 by sintu kumar
दुनियाभर में कई अमीर लोग हैं, जिनकी आने वाली सात पुश्तें आराम से बैठकर खाएं तो भी इनका पैसा खत्म नहीं होगा। वहीं, अगर इतिहास की बात करें तो इतिहास में भी कई राजा-महाराजा ऐसे थे, जो कि करोड़ों-अरबों रुपए की संपत्ति के मालिक थे। आज हम आपको एक ऐसे निजाम के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि भारत के सबसे अमीर निजाम थे, लेकिन वह इतने ही कंजूस थे।
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हम बात कर रहे हैं हैदराबाद के निजाम, मीर उस्मान अली खान (Mir Osman Ali Khan) की। आजादी के बाद जहां कई राजाओं को अपनी रियासत का विलय करना पड़ा और उनकी संपत्ति उनसे ले ली गई, वहीं, निजाम मीर उस्मान अली खान आजादी के बाद भी अमीर रहे। निजाम मीर उस्मान अली खान दक्कन के पठार में स्थित हैदराबाद रियासत के सातवें निजाम थे। उनका का जन्म 6 अप्रैल, 1886 को हैदराबाद में हुआ था। निजाम मीर उस्मान अली खान का
पूरा नाम मीर असद अली खान निजाम उल मुल्क आसफ जाह सप्तम था।
उस्मान अली खान का राज्याभिषेक 18 सितंबर, 1911 को हुआ था। निजाम मीर उस्मान अली खान आसफजाही राजवंश के आखिरी निजाम थे। निजामशाही के तौर पर मीर उस्मान का शासन 31 जुलाई, 1720 को शुरू हुआ था। निजाम मीर उस्मान ने चार दशकों तक शासन किया और फिर साल 1948 में उन्होंने अपनी रियासत का भारतीय लोकतंत्र में विलय कर दिया था। इस तरह नवाब ने कुल 37 साल शासन किया था। निजाम को प्रजा निजाम सरकार और ‘हुज़ूर-ए-निज़ाम’ जैसे नाम से बुलाती थी।
आजाद भारत में मीर उस्मान अली खान ने 26 जनवरी, 1950 से 31 अक्टूबर, 1956 तक राजप्रमुख पद के कार्यभार को संभाला। हालांकि, जब भारत आजाद हुआ तो निजाम को नवाबी छोड़नी पड़ी, जिसके चलते उन्हें अपनी रियासत को भारतीय गणतंत्र में 1948 को शामिल करना पड़ा। निजाम की नवाबी चली जाने के बाद उनकी 9 पत्नियां, 200 बच्चे और 300 नौकर थे।
निजाम एक बहुत ही कुशल प्रशासक थे, लेकिन वह बहुत कंजूस भी थे। अरबों की संपत्ति के मालिक होने के बावजूद निजाम टिन की प्लेट में खाना खाते थे। बताया जाता है कि निजाम ने एक टोपी को पूरे 35 साल तक पहना था। कहा जाता है कि वह कभी प्रेस किए हुए कपड़े नहीं पहनते थे। वहीं, उन्होंने कभी महंगी सिगरेट नहीं पी। वह हमेशा सस्ती सिगरेट पीते थे। इतना ही नहीं वह कभी-कभी मेहमानों से मांग कर सिगरेट पीते थे। हालांकि, इतने कंजूस होने के बावजूद भी वो पेपरवेट के लिए 1340 करोड़ रुपए की कीमत वाले हीरे का इस्तेमाल करते थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, निजाम मीर उसमान अली खान की कुल संपत्ति 236 अरब डॉलर आंकी गई थी। कहा जाता है कि नवाब ने साल 1918 में उस्मानिया जनरल अस्पताल, उस्मानिया विश्वविद्यालय, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, बेगमपेट एयरपोर्ट और हैदराबाद हाईकोर्ट समेत कई सार्वजनिक संस्थानों की स्थापना की थी। वहीं, निजाम ने साल 1965 में चीन से भारत के युद्ध के दौरान भारत सरकार को पांच टन नेशनल डिफेंस फंड में दिया था, जिसकी आज कीमत लगभग 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा है।