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धर्मशाला में मजदूर सड़कों पर, सुक्खू सरकार के खिलाफ नारेबाजी; मांगों को लेकर भड़के
Protest: मनोज/धर्मशाला। जिला मुख्यालय धर्मशाला में बुधवार को सुक्खू सरकार (Sukhu Govt.) के खिलाफ मजदूर (Laborer) सड़कों पर उतरे। उन्होंने रोष रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूर संगठन का कहना है कि 5 लाख पंजीकृत मजदूरों को योजना का लाभ बंद कर दिया गया है। 1.31 लाख के क्लेम 3 साल से पेंडिंग पड़े हैं, सरकार श्रमिकों के हकों (Workers Rights) को दबाकर बैठी है और राहत देने के बजाय परेशानियां बढ़ा रही है।
सरकार के खिलाफ जमकर निकाली भड़ास
हिमाचल प्रदेश संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति (Himachal Pradesh Joint Trade Union Struggle Committee) के बैनर तले धर्मशाला में हजारों निर्माण श्रमिकों ने बस स्टैंड से लेकर डीसी कार्यालय तक रोष रैली निकाली। अपनी मांगों को लेकर मजदूरों ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। मजदूर नेताओं ने कहा कि भारत सरकार ने 50 दिन काम करने वाले मनरेगा मजदूरों का निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में बतौर लाभार्थी पंजीकरण बंद कर दिया, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने आते ही सभी निर्माण मजदूरों का ही पंजीकरण बंद कर दिया। जो 5 लाख मजदूर पंजीकृत हैं उनको योजना का लाभ बंद कर दिया। 11.31 लाख क्लेम बोर्ड के पास 3 वर्ष से लंबित हैं और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। यूनियन की कानूनी तस्दीक बंद कर दी।
700 करोड़ के फंड के बावजूद मजदूर वंचित
मजदूर नेताओं ने कहा कि बोर्ड अपनी आय से चलता है जिसको लेबर सेस एक्ट से फंड आता है और सीधा बोर्ड के खाते में जमा होता है जो कि बोर्ड के पास 700 करोड़ से भी अधिक फंड होने के बाबजूद गरीब मजदूरों को उनके कानूनी अधिकार नहीं दिए जा रहें। भवन व अन्य निर्माण कामगार कानून का उलंघन हो रहा है। बोर्ड के सचिव और अन्य अधिकारियों को कानून की कोई जानकारी नहीं है। लॉ डिपार्टमेंट की सलाह नहीं मानी जा रही। सुप्रीम कोर्ट तक के आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। इस रोष रैली के बाद सीएम को जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया।