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उत्तरकाशी: टनल में क्रैक के बाद बचाव कार्य रुका, अंदर फंसे मजदूर सुरक्षित
उत्तरकाशी। उत्तराखंड में उत्तरकाशी (Uttarkashi In Uttarakhand) के सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) में बीते 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को 150 घंटे बाद भी निकाला नहीं जा सका है। दिल्ली से आई अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन के फेल होने के काद अब इंदौर से दूसरी मशीन मंगाई गई है। इसके अलावा प्लान बी (Plan B) के रूप में टनल को ऊपर से भेदकर मजदूरों (Trapped Labors) को निकालने की भी योजना है। शुक्रवार को ड्रिलिंग के दौरान टनल में क्रैश की भारी आवाज से सभी डर गए थे। तभी से ड्रिलिंग (Drilling) का काम रोक दिया गया है। हालांकि, टनल में फंसे सभी मजदूर सकुशल (Safe) हैं। यह बात मंजीत कुमार (23 वर्ष) ने तब कही, जब उसके पिता ने ऑक्सीजन पाइप के जरिए आवाज दी। मंजीत ने कहा कि मैं ठीक हूं, चिंता करने की जरूरत नही है। अंदर फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। यूपी-उत्तर प्रदेश के लखीमपुर निवासी मंजीत भी रविवार 12 नवंबर से सुरंग के अंदर कैद है। उनके साथ उत्तर प्रदेश के आठ लोग भी टनल में फंसे हैं। सभी के सभी सुरक्षित हैं।
चला हुआ है प्रार्थनाओं का सिलसिला
पिता ने बताया कि उनका बेटा मंजीत रक्षाबंधन के लिए घर आया था। तब से उससे मुलाकात नही हुई। केवल दीपावली के तीन दिन पहले ही उससे बात हुई थी। मंजीत को लेकर परिवार में चिंता है। सभी भगवान से उसकी सुरक्षा की विनती कर रहे हैं।
बचाव कार्य ठप पड़ा
एजेंसियों की तमाम कोशिशें नाकाम हो रही हैं। शुक्रवार शाम से रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) ठप पड़ा हुआ है। ड्रिलिंग के दौरान वाइब्रेशन से मलबा राहत बचाव कर्मियों की तरफ गिर रहा है। ड्रिलिंग मशीन की बैरिंग में भी तकनीकी खराबी आ रही है। बताया जा रहा है कि टनल की निर्माणकर्ता कंपनी ने कई नियमों का पालन नहीं किया। इनमें आपदा के समय बचाव के रास्तों का तैयार न करना प्रमुख है।