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मां-बाप की देखरेख नहीं करने वालों को सबक ! हर माह कटेगी 30% सैलरी
अकसर ऐसी खबरे सामने आती हैं कि बुढापे में बच्चे अपने मां-बाप (Old Age Parents) की देखभाल नहीं करते। इससे बूढे लाचार मां-बाप को बेहद परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इसी परेशानी से बूढे मां-बाप को बचाने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra)के लातूर जिला परिषद (Latur Zilla Parishad) ने एक अलग सा आइडिया निकाला है। इस आइडिया का मतलब ही ऐसे बच्चों को सबक सिखाना है। जिला परिषद ने ऐसे कर्मचारियो की सैलरी 30 फीसदी काटनी शुरू कर दी है,जो अपने मां-बाप की देखभाल नहीं करते। ये 30 फीसदी (30% Salary Deducted) राशि काटकर उनके मां-बाप के अकाउंट (Parent’s Account) में डाला जा रहा है। अभी तक ऐसे 7 कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।
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जिला परिषद के प्रमुख राहुल बोंद्रे (Rahul Bondre) के मुताबिक उन्हें 12 कर्मचारियों के खिलाफ ऐसी (Complaints) शिकायतें मिली,कि वह अपने मां-बाप का ख्याल नहीं रखते हैं। इनमें छह टीचर हैं। इन्हें सबक सिखाने के लिए इनकी सैलरी में से 30 फीसदी कटौती कर इनके मां-बाप को वो पैसा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल नवंबर माह में जिला परिषद ने अपने मां-बाप की देखभाल नहीं करने वाले कर्मचारियों (Employees) की सैलरी में से 30 फीसदी कटौती का प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद दिसंबर 2020 से इस पर अमल करना शुरू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पहले इन 12 मामलों की जांच की गई,क्या वास्तव में जो शिकायतें मिली है वह ठीक हैं। ये शिकायतें उनके मां-बाप की तरफ से ही मिली थी। उसी के चलते 12 में से पहले 7 कर्मचारियों की सैलरी काटना शुरू की। इसके बाद अन्य मामलों पर कार्रवाई शुरू हुई। लेकिन कुछ के साथ बैठकर समस्या का हल निकाल लिया गया।