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Lok Sabha Election: साल 1952 से लेकर अब तक का सबसे लंबा चुनाव, जून तक वोटिंग-क्यों हुआ ऐसा, जानिए
Lok Sabha Election 2024 Date: नेशनल डेस्क। देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। लोकसभा की 543 सीटों के लिए 7 चरण (7 Steps) में चुनाव होगा। इस बार अप्रैल में लोस चुनाव शुरू होंगे और जून महीने में नतीजे (Result) आएंगे। साल 1951-52 में पहले संसदीय चुनाव के बाद इस साल दूसरी बार सबसे लंबा चुनाव (Long Election) होगा। हालांकि, इतने ज्यादा दिनों तक चुनाव होने की कई वजहें भी हैं। आइए जानते हैं वह वजह……….
लंबा चुनाव होने की वजह
लोस चुनाव 7 चरणों में होने वाले हैं, जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल से होगी और 1 जून को तक वोटिंग होगी। वहीं, चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे। हिमाचल में अंतिम चरण में चुनाव होगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लंबा चुनाव कराने की मुख्य दो वजह हैं।
पहली वजह- साल 2019 के मुकाबले इस साल लोस चुनावों की तारीखों का ऐलान 6 दिन बाद हुआ है। 2019 में तारीखों का ऐलान 10 मार्च को हो गया था।
दूसरी वजह- मार्च और अप्रैल में कई त्योहार आ रहे हैं जैसे कि होली, तमिल न्यू ईयर, बीहू और बैसाखी। त्योहारों के कारण छुट्टियां रहने वाली है। जून तक चुनाव करवाने की त्योहार भी एक वजह हैं।
तारीखों की देरी के पीछे अन्य कारण
वहीं, इलेक्शन कमीशन को ये भी ध्यान रखना था कि नामांकन वापसी की तारीख या वोटिंग के दिन जैसी जरूरी तारीखें त्योहार वाले दिन ना पड़ जाएं। तारीखों की देरी के पीछे कुछ अन्य कारण भी थे, जिसमें चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का अचानक इस्तीफा देना भी शामिल है। उनके इस्तीफे की वजह से तीन सदस्यों वाले चुनाव आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही रह गए थे और एक अन्य चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में ही रिटायर हो गए थे।
सरकार ने 14 मार्च को दो नए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को नियुक्त किया। दोनों ने 15 मार्च को कार्यभार संभाला और एक दिन बाद चुनावों की घोषणा की गई। उधर, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ’लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की वजह आयोग ने सोचा कि जब तक पूरी टीम नहीं होगी, तब तक घोषणा में देरी की जा सकती है। भले ही कानूनी रूप से मुख्य चुनाव आयुक्त ही चुनाव करवाते हैं, लेकिन फिर भी ये अजीब लगता। इसलिए इंतजार किया गया।’
पहले लोकसभा चुनाव 68 चरणों में हुए थे
देश में पहले लोस चुनाव 68 चरणों में हुए थे, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर, 1951 को हुई और ये 21 फरवरी, 1952 तक चले। सात दशक बाद 96.8 करोड़ मतदाताओं की रिकॉर्ड संख्या के साथ 2024 का संसदीय चुनाव सबसे लंबा होने वाला है। इसके अलावा, जून में आम चुनाव केवल 1991 के लोकसभा चुनाव में हुए थे। मगर इसके पीछे भी एक वजह थी कि किशपथ ग्रहण के 16 महीने बाद ही चंद्रशेखर सरकार भंग हो गई थी।