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#Covaxin_Controversy : इबोला वैक्सीन ने भी ह्यूमन ट्रायल पूरा नहीं किया, फिर भी मिली मंजूरी
हैदराबाद : कोरोना के इलाज की वैक्सीन यानी कोवैक्सीन-कोविशील्ड को DCGI की ओर से मंजूरी मिलने के साथ ही विवाद भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने वैक्सीन पर सवाल उठाए हैं। अब कोवैक्सीन (Covaxin) के मसले पर भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के एमडी कृष्ण एला (MD Krishna Ella) ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इबोला वैक्सीन ने भी कभी ह्यूमन ट्रायल पूरा नहीं किया। इसके बावजूद डब्ल्यूएचओ ने लाइबेरिया और गिनी के लिए इस वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
कृष्ण एला ने कहा कि हमारे पास वैक्सीन बनाने का अनुभव है। हम 123 देशों के लिए काम कर रहे हैं। इस तरह का अनुभव रखने वाली हमारी एकमात्र कंपनी है। इसलिए हमारी वैक्सीन पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। भारत बायोटेक के एमडी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा वैक्सीन का राजनीतिकरण किया जा रहा है। मैं यह साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा है। ऐसे में इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि तीसरे फेज का ट्रायल दो से तीन दिनों के भीतर खत्म हो जाएगा, जबकि डेटा फरवरी से मार्च तक उपलब्ध होगा। भारत बायोटेक के एमडी ने ज़ोर देते हुए कहा कि हमारे पास BSL-3 प्रोडक्शन की सुविधा है. यह सुविधा अमेरिका तक के पास नहीं है। हालांकि भारत बायोटेक के एमडी की सफाई के बाद एक बार फिर से शशि थरूर ने ट्वीट किया और सवाल पूछे।
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क्या है पूरा विवाद?
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) को भारत में DCGI की ओर से 3 जनवरी को आपतकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद इस पर सियासत भी चरम पर पहुंच गई है। पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ये कहते हुए कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने से इनकार कर दिया कि उन्हें भाजपा के टीके पर विश्वास नहीं तो अब कांग्रेस नेताओं शशि थरूर (Shashi Tharoor) और जयराम रमेश ने कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठा दिए हैं।
शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा है कि कोवैक्सीन का अब तक तीसरे चरण का ट्रायल नहीं हुआ है। अनुमित अपरिपक्व है और यह खतनाक हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को इसे स्पष्ट करना चाहिए। इसे पूरे ट्रायल होने तक टालना चाहिए। भारत इस बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू कर सकता है।
The Covaxin has not yet had Phase 3 trials. Approval was premature and could be dangerous. @drharshvardhan should please clarify. Its use should be avoided till full trials are over. India can start with the AstraZeneca vaccine in the meantime. https://t.co/H7Gis9UTQb
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 3, 2021
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी कोवैक्सीन पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया। जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि भारत बायोटेक प्रथम श्रेणी का उद्यम है, लेकिन यह उलझन भरा है कि करने वाली बात है कि फेज-3 ट्रायल के अंतरराष्ट्रीय मानकों को कोवैक्सीन के लिए संशोधित कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन को इसे स्पष्ट करना चाहिए।
Bharat Biotech is a first-rate enterprise, but it is puzzling that internationally-accepted protocols relating to phase 3 trials are being modified for Covaxin. Health Minister @drharshvardhan should clarify. pic.twitter.com/5HAWZtmW9s
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 3, 2021
वैक्सीन के इस्तेमाल से नपुसंक हो जाएंगे लोग
यहां यह बता दें कि मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कोरोना वैक्सीन का विरोध करते हुए यहां तक कह दिया था कि ये भी संभव है कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोग नपुंसक हो जाएं। हालांकि डीसीजीआई ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है।