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देश में पहले कबूतर उड़ाए जाते थे, अब पीएम चीते छोड़ते हैं: राजनाथ सिंह
नादौन। ब्यास नदी तट पर सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने कहा कि गलवान घाटी (Galwan Ghati) में भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की घुसपैठ का करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पहले देश में आतंकी हमलों की खबरें आती थीं, लेकिन देश में मोदी सरकार आने के बाद पुलवामा (Pulwama) व उड़ी हमलों के बाद पाकिस्तान की जमीन पर सर्जिकल स्ट्राइक कर मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहले देश में कबूतर उड़ाए जाते थे पर अब देश के पीएम चीते छोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देव व वीरभूमि है। इसकी शौर्य, पराक्रम व बलिदान की समृद्ध परंपरा रही है। परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, महावीर चक्र विजेता शेर सिंह थापा, धनसिंह थापा, संजय कुमार व कारगिल युद्ध में बलिदान देने वाले विक्रम बत्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के हर युद्ध में हिमाचलियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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उन्होंने कहा कि सेनाओं का त्याग और बलिदान ही देश की सीमाओं (Country Borders) को सुरक्षित रखता है। पहले भारत के सीमावर्त्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास को प्राथमिकता नहीं दी जाती थीए पर मोदी सरकार में इसे पूरी प्राथमिकता पर रखा है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने व मोबाइल नेटवर्क को विकसित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती जिलों किन्नौर व लाहौल स्पीति (Lahaul Spiti) में हर घर में जल और नल पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले भारत रक्षा आयात करने के रूप में जाना जाता था लेकिन अब भारत रक्षा निर्यातक बन चुका है। वर्ष 2047 तक भारत 2 लाख करोड़ का रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र में 311 आइटम को चिन्हित किया गया है जिनका आने वाले सालों में मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सेना के दरवाजे पूरी तरह से महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं। एनडीए (NDA) समेत युद्धपोतों पर महिला सैनिकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी गई है।
भारत ने कभी भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया : जोशी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैया जोशी ने कहा कि भारतीय सेना ने अभी तक हुए सभी युद्धों में विजय पाई है। भारतीय सेना पराक्रम में कभी पीछे नहीं रही है। इसके बावजूद भारत ने कभी भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया इसका उपयोग दुर्बलों की रक्षा और अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए किया। उन्होंने कहा कि भारत की जीवनशैली श्रेष्ठ है, जोकि पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को देवभूमि करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी को भारत के लिए जीना है और इसकी प्रगति में सबको योगदान देना है। उन्होंने कहा कि केवल युद्ध में ही समाधान नहीं हैए वार्ता के माध्यम से भी समस्याओं का समाधान संभव है। इस अवसर पर 600 बलिदानी व पूर्व सैनिक परिवारों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर परम विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप जम्वाल पीवीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल बलजीत सिंह जसवाल, लेफ्टिनेंट जनरल विनोद शर्माए मेजर जनरल मोहिंदर प्रताप, मेजर जनरल सुदेश शर्मा, मेजर जनरल अतुल कौशिक, ब्रिगेडियर सतीश कुमार, वीएसएम ब्रिगेडियर अजय कुमार शर्मा, ब्रिगेडियर मदन शील शर्मा, ब्रिगेडियर बेअंत परमार, ब्रिगेडियर खुशाल शर्मा, ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा, ब्रिगेडियर पवन चौधरी, ब्रिगेडियर लरल चंद जसवाल आदि मौजूद रहे
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