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ज्वालामुखी। मां का आंचल अनंत होता है। मां खुद भूख सहन कर लेती है मगर अपने लाडले को भूखा नहीं रहने देती। बेटे का थोड़ा सा दुख भी मां के कलेजे का एक बड़ा दर्द बन जाता है। बेटे (Son) पर कोई भी संकट आए तो मां किसी भी हद तक उसकी हेल्प करने के लिए तैयार हो जाती है। यहां तक कि वह अपने जिगर के टुकड़े को किडनी तक भी दे सकती है। ऐसा ही एक मामला ज्वालामुखी (Jwalamukhi) के बसदी कोहला में सामने आया है।
यहां एक बेटा जिंदगी और मौत का जंग लड़ रहा है। गरीबी इतनी कि खाने तक के पैसे नहीं तो दवाई (Medicine) तो कहां से आएगी। जानकारी के अनुसार सुखदेव (Sukhdev) नामक युवा की किडनी में प्रॉब्लम आ गई। जैसे-तैसे मां बिमला देवी (Bimla Devi) ने अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए अपनी किडनी तो दे दी और और उसका किडनी ट्रांसप्लांट भी हो गया मगर गरीबी इतनी है कि अब ना ही तो खाने के लिए पैसे बचे हैं और ना ही दवाई लेने के लिए। अब इस गरीब मां के माथे पर चिंता की लकीरें साफ हैं। किडनी तो उसने दे दी मगर अब पैसे का इंतजाम कहां से और कैसे करे। अब बिमला देवी को सिर्फ दानी सज्जनों पर ही आस बंधी है। इसलिए उसने दानी सज्जनों से सहायता (Help) के लिए गुहार लगाई है। दवाइयों पर रोजाना हजारों का खर्च आ रहा है तो ऐसे में खाने के भी लाले पड़ गए हैं। उसने पीड़ित बेटे सुखदेव के पंजाब नेशनल बैंक बणे दी हट्टी के अकाउंट नंबर (Account Number) 3021000101070142 पर आर्थिक सहायता के लिए गुहार लगाई गई है। उसने दानी सज्जनों से अन्नदान, वस्त्रदान और आर्थिक दान करने की गुहार लगाई है।
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