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आसमां में कर दिखाया सुराख, तबियत से उछाला इस शख्स ने पत्थर और जो हुआ देखें वीडियो
ऊना। हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना के अंब क्षेत्र के मुश्ताक गुज्जर ने अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की सफल खेती कर सबको हैरत में डाल दिया है। मुख्यत विदेशों में पैदा होने वाले ड्रैगन फल को ऊना जिला में इसकी खेती करने का मुश्ताक का प्रयास सफल रहा है। यही नहीं मुश्ताक ने पहले ही ट्रायल में डेढ़ क्विंटल से अधिक पैदावार प्राप्त की है।
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वैसे तो मुश्ताक ने कंप्यूटर साइंस में बीटैक की है, लेकिन मुश्ताक ने खेतीबाड़ी को चुनकर सोशल मीडिया से ड्रैगन फ्रूट की जानकारी एकत्रित कर जिला ऊना के अंब क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट पैदा करके किसानों को अपनी आर्थिकी मजबूत करने के लिए एक आशा की किरण दिखाई है। खुद डीसी ऊना राघव शर्मा भी मुश्ताक की ड्रैगन फ्रूट की फसल को देखने पहुंचे और जिला ऊना में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठाने का दावा भी किया।
कौन कहता है “आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों” शायर की इन्ही पंक्तियों को सच करके दिखाया है ऊना जिला के अंब के आदर्श नगर में रहने वाले मुश्ताक गुज्जर ने। दरअसल, मुश्ताक ने सोशल मीडिया के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी इकट्ठा की और अपने खेतों में इसका ट्रायल शुरू किया और ट्रायल सफल होने के बाद मुश्ताक ने अपनी लगभग आधा एकड़ भूमि पर अमेरिकन ब्यूटी तथा रेड सिमन किस्म के ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कर इसमें ड्रैगन फ्रूट के एक हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। मुश्ताक ने जहां पिछले वर्ष अपने खेतों में एक क्विंटल ड्रैगन फ्रूट की पैदावार की थी, वहीं इस वर्ष लगभग डेढ़ क्विंटल ड्रैगन फ्रूट की पैदावार की है, जिसे मुश्ताक ने 200 रूपए प्रति किलो के हिसाब से मार्किट में सेल किया है।
माना जाता है कि ड्रैगन फ्रूट मानव शरीर को खनिज पोटाश, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग तत्व प्रदान करता है। वहीं, खाने में यह फल स्ट्रॉबेरी व लीची जैसे मीठा स्वाद देता है। यह फल जितना स्वादिष्ट है, उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी है। ड्रैगन फ्रूट की मार्किट में बहुत डिमांड है और इसका बाजार में अन्य फलों के मुकाबले दाम भी अच्छा मिलता है।
मुश्ताक ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग (Dragon Fruit Farming) का सोशल मीडिया से देखा और उसके बाद पंजाब के एक किसान से इसके टिप्स लिए और अपनी खेती शुरू कर दी थी। मुश्ताक ने खेतीबाड़ी छोड़ रहे किसानों से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की नसीहत दी है। मुश्ताक का मानना है कि अक्सर किसान गेहूं, मक्की, धान जैसी फसलों पर निर्भर रहते हैं, जबकि अपने खेतों में कोई नकदी फसल लगाने का प्रयास नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसान इस तरह की खेती अपनाते है तो उन्हें जरूर फायदा होगा।
वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा मुश्ताक के खेतों में पहुंचे और ड्रैगन फ्रूट की जानकारी हासिल की। डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि मुश्ताक ड्रैगन फ्रूट की खेती में काफी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा किसानों बागवानों की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए यह खेती लाभदायक है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट के संबंध में एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। ऊना की जलवायु ड्रैगन फ्रूट की पैदावार के लिए अच्छी है। डीसी ऊना ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती को बजट में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और नौणी यूनिवर्सिटी (Nauni University) को भी इस पर रिसर्च करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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