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हफ्ते में बस 4 दिन करना पड़ेगा काम, जल्द लागू हो सकते हैं नए लेबर कोड
प्राइवेट व सरकारी ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर है। दरअसल, आगामी एक जुलाई से केंद्र सरकार नए लेबर कोड (Labour Code) लागू कर सकती है। इसके तहत कर्मचारियों को हफ्ते में 48 घंटे काम करना होगा। यानी कर्मचारियों को रोजाना 12 घंटे तक काम करना पड़ सकता है। इसको लेकर कई कंपनियों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
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जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए जल्द चार नए लेबर कोड लागू करेगी। इसमें सोशल सिक्योरिटी कोड, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड और वेज कोड शामिल हैं। बता दें कि सोशल सिक्योरिटी कोड (Special Security Code) के तहत ईएसआईसी और ईपीडीओ की सुविधाओं को बढ़ाया गया है। अब किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना होगा। इस कोड के लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स, गिग्स वर्कर्स और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी ईसीआईसी की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर बदल जाएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा ज्यादा पहले से ज्यादा कटेगा।
वहीं, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड (Occupational Safety, Health and Working Condition Code) में लीव पॉलिसी और सेफ एनवायरमेंट तैयार करने की कोशिश की गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 240 के बजाए 180 दिन काम के बाद ही लेबर छुट्टी पाने की हकदार बन जाएगी। इतना ही नहीं किसी भी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लगने पर कम से कम 50% मुआवजा मिलेगा। इस कोड में एक हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे काम करने का भी प्रावधान शामिल है। इस कोड के तहत 12 घंटे की शिफ्ट करने वालों को हफ्ते में 4 दिन काम करने की छूट मिलेगी। इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट करने वालों को हफ्ते में 5 दिन काम करने की छूट मिलेगी और 8 घंटे की शिफ्ट करने वालों को हफ्ते में 6 दिन काम करने की छूट मिलेगी।
इसके अलावा इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। इस कोड के लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी कर सकेंगी। साल 2019 में इस कोड में कर्मचारियों की सीमा 100 रखी गई थी, जिसे 2020 में बढ़ाकर 300 कर दिया गया। वहीं, वेज कोड में पूरे देश के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सरकार पूरे देश के लिए कम से कम मजदूरी तय करेगी। इस कोड के लागू होने के बाद देश के 50 करोड़ कामगारों को समय पर निश्चित मजदूरी मिलेगी।