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गजब! यहां पर करनी पड़ रही है ‘गोबर’ की चौकीदारी, पति- पत्नी दो शिफ्टों में करते हैं निगरानी
Last Updated on May 19, 2022 by sintu kumar
रायपुर। अब तक बहुमूल्य, कीमती सामान और जगह की चौकीदारी की बात आप ने सुनी होगी, मगर हम आपको बताने जा रहे हैं कि हमारे देश के एक राज्य में पशुपालक गोबर की भी चौकीदारी करने लगे हैं। यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है, मगर हकीकत यही है। छत्तीसगढ़ वह राज्य है जहां दो रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदा जाता है। अब गोबर भी यहां आमदनी का जरिया बन चुका है। जिन पशुपालकों को पास मवेशी ज्यादा हैं, उनकी गोबर से आमदनी भी ज्यादा होने लगी है, मगर पहली बार यह बात सामने आई है कि गोबर की भी यहां के लोग चौकीदारी करते हैं, ताकि कोई गोबर की चोरी न कर ले।
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सीएम भूपेश बघेल अपने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत गुरुवार को बीजापुर जिले के कुटरु पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से सीधे संवाद किया तो मंटूराम कश्यप ने बताया कि, वह अपने गोबर की चौकीदारी करता है। इसमें उसकी मदद पत्नी करती हैं। मंटूराम ने बताया कि, मैं रात में टॉर्च लगा कर गोबर की चौकीदारी करता हूं , और इस काम मे मेरी पत्नी भी मेरा साथ देती हैं। इस गोबर को वे छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत बेचते हैं। मंटूराम ने आगे बताया कि अब तक उन्होंने लगभग 14 हजार किलो गोबर करीब 28 हजार रुपये में बेचा है। पहले गोबर को कोई नहीं पूछता था लेकिन अब हर किसी की नजर गोबर पर लगी रहती है। कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे। इसके बाद उन्होंने तय किया कि पत्नी के साथ रात में गोबर की निगरानी करेंगे।
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दवाई भी फ्री
इलाज भी फ्रीजनता भी अब – टेंशन फ्री
जारी है भेंट-मुलाकात..
(कुटरू: बीजापुर) #BhupeshTuharDwar pic.twitter.com/9z2LTVjty8— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 19, 2022
मंटूराम की मानें तो वह और उसकी पत्नी शिफ्ट में चौकीदारी करते हैं। वह दोनों मिलकर गोबर की चौकीदारी रात भर करते हैं। दोनों मिलकर दो शिफ्ट में गोबर की देखरेख करते हैं। रात में कुछ देर मंटू और फिर पत्नी टॉर्च लेकर गोबर की निगरानी करते हैं। मंटूराम बताते हैं कि रात में टॉर्च लेकर वे कई बार देखने जाते हैं कि कोई गोबर ले तो नहीं गया। वे कहते हैं कि जब से गोबर की कीमत मिलने लगी है, तब से गोबर सहेजकर रखना पड़ता है। एक दिन इकठ्टा किया हुआ गोबर कुछ लोग चुपचाप उठा ले गए । इसके बाद से गोबर की निगरानी करने लगा। मंटूराम कश्यप ने बताया कि उनके पास 15 गाय-भैंसे हैं। अब तक गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर करीब 28 हजार रुपये मिले हैं। इस राशि से उसने अपने मकान का सुधार कार्य कराया है। मकान में प्लास्टर हो गया है, अब छत से पानी टपकने की समस्या नहीं रहेगी।
–आईएएनएस