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CBSE 12th Exam: केंद्र ने राज्यों से 25 मई तक मांगे सुझाव, पहली जून को फिर होगी बैठक
कोरोना के चलते स्थगित की गई सीबीएसई, आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला करने के लिए आज एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सभी ने अपने अपने पक्ष रखे। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं की आधिकारिक घोषणा शिक्षा मंत्री ( Minister of Education) पहली जून को करेंगे और संभवतयः जुलाई माह में ये परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएगी। हालांकि इस परीक्षा के फार्मेट में बदलाव किया जाएगा। ये परीक्षाएं रद्द नहीं होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर मौजूद थे। बैठक डिजिटल माध्यम से की गई तथा इसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और शिक्षा सचिवों को भी बुलाया गया था। मीटिंग में यह तय किया गया कि सीबीएसई ( CBSE) और राज्यों के प्रदेश शिक्षा बोर्ड के लिए समान फॉर्मूला तय किया जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ( Union Education Minister Dr. Ramesh Pokhriyal) ने ट्वीट कर कहा कि सभी राज्यों से लिखित में अपने सुझाव 25 मई तक भेजने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि यह हाई-लेवल मीटिंग बहुत ही उपयोगी रही क्योंकि इसमें मौजूदा परिस्थियों की समीक्षा की गई है। निशंक ने लिखा, ‘ मुझे पूरा भरोसा है कि हम सामूहिक निर्णय के माध्यम से जल्द ही कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में अपना अंतिम फैसला करेंगे और छात्रों व अभिवावकों के मन में व्याप्त अनिश्चितता को दूर कर पाएंगे।
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As envisioned by the Hon'ble PM, the meeting was extremely fruitful as we received immensely valuable suggestions. I have requested the State Governments to send me their detailed suggestions by 25th May. pic.twitter.com/JQbiAyH6zU
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 23, 2021
इस बैठक के दौरान राज्यों को केंद्र ने दो विकल्प दिए गए। इनमें ने पहले विकल्प के अनुसार कक्षा 12 के स्टूडेंट्स को कुछ चयनित विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होना होगा और इन विषयों में प्रदर्शन के आधार पर अन्य शेष विषयों के लिए मार्क्स जारी दिये जाएंगे। बैठक में तय किया गया कि सीबीएसई और राज्यों के प्रदेश शिक्षा बोर्ड के लिए समान फॉर्मूला तय किया जाएगा। ताकि देश के सभी विद्यार्थियों का फाइनल रिजल्ट एक ही स्कीम के तहत तैयार हो और किसी भी विद्यार्थी को भविष्य में इसका फायदा या नुकसान न पहुंचे। दिल्ली शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कई राज्यों ने किसी भी प्रक्रार की परीक्षा के आयोजन का विरोध किया और इन राज्यों द्वारा ‘जीरो एग्जाम’ की मांग की गयी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इन राज्यों का मत था कि बोर्ड परीक्षाओं के साथ-साथ जेईई और नीट परीक्षाओं के आयोजन से पहले सभी परीक्षार्थियों को वैक्सीन लगनी चाहिए।