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सरसों का तेल सोयाबीन से हुआ सस्ता, बढ़ गई शुद्धता-ये रही वजह
रसोई में हर चीज में काम आने वाला सरसों का तेल (Mustard oil) सोयाबीन व सीपीओ से सस्ता (Cheaper than Soybean) हो गया है। इसके साथ ही सरसों के तेल की शुद्धता बढ़ गई है। सस्ते होने की वजह से इसमें बाकी शैलों की मिलावट नहीं हो रही है,इससे उपभोक्ताओं (Consumers) को शुद्ध देशी तेल खाने को मिलने लगा है। बताया जा रहा है कि सरसों का तेल,कच्चे किए जाने वाले सोयाबीन डीगम, सीपीओ के मुकाबले कहीं सस्ता है। इसी वजह से इसमें मिलावट नहीं हो रही है।
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कहा जा रहा है कि मौजूदा स्थिति जारी रही,सरकार का समर्थन मिलता रहा व किसानों को अपनी तिलहन उपज की अच्छी कीमत मिलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब किसान,देश को तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना सुनिश्वत कर देंगे। 40 वर्ष पहले हरियाणा (Haryana)के कैथल, पंजाब के तरनतारण, उत्तर प्रदेश के हरदोई जैसे क्षेत्रों में इतनी तिलहन का उत्पादन होता था कि वह बाकी देश की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम था। तेल की कीमतों और मांग में तेजी के मौजूदा वैश्विक परिदृश्य के बने रहने और सरकार के प्रोत्साहन जारी रहने से हमें एक बार फिर पुरानी आत्मनिर्भरता (Self-Sufficiency)की स्थिति को हासिल कर सकते हैं।