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वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को Modi Cabinet की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में ही पेश होने के आसार
Modi Cabinet Approves One Nation-One Election Bill : एक देश एक चुनाव यानि वन नेशन वन इलेक्शन बिल (One Nation-One Election Bill)कैबिनेट में पास हो गया है। सूत्रों के मुताबिक यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में पेश हो सकता है। इस बिल को लेकर सभी राजनीतिक दलों के सुझाव लिए जाएंगे। बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जा सकता है। कैबिनेट एक देश एक चुनाव पर बनी रामनाथ कोविंद समिति (Ram Nath Kovind Committee)की रिपोर्ट को स्वीकार कर चुकी है। सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम राय बने और सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा हो।
सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा होगी
संयुक्त संसदीय समिति (JPC)सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। देशभर के बुद्धिजीवियों के साथ सभी राज्यों की विधानसभाओं के अध्यक्षों को भी बुलाया जा सकता है और आम लोगों की भी राय ली जायेगी। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने एक देश एक चुनाव से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। कमेटी की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पहले कदम में (Lok Sabha and Rajya Sabha elections)को एक साथ कराना चाहिए। कमेटी ने सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव( Local body elections)हो जाने चाहिए।
पीएम मोदी करते रहे हैं एक देश, एक चुनाव’ की वकालत
दरअसल पीएम मोदी लंबे समय से ‘एक देश, एक चुनाव’ की वकालत करते आए हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही चुनावों में खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े। ‘एक देश, एक चुनाव’ का मतलब है कि भारत में लोकसभा ( Loksabha)और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव( Vidhansabha Election) एक साथ कराए जाएं। जाहिर है देश में आजादी के बाद से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए थे। 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।
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