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रेल रोको आंदोलन से #Punjab में बिजली संकट: कोयले की भारी कमी, दो थर्मल प्लांट ठप
चंडीगढ़। कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में किसानों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब के कई हिस्सों में अनिश्चितकालीन ‘किसान रेल रोको’ (Kisan Rail Roko) आंदोलन ने जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) समेत कई राज्यों में मालगाड़ियों की आवाजाही को बुरी तरह प्रभावित किया है। पंजाब में किसान संसद से पारित विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठन इन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं। इस सब के बीच सूबे में रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। वहीं, मालगाड़ियों की आवाजाही बंद होने के कारण सूबे में बिजली का संकट भी खड़ा हो गया है।
दो-चार दिन का ही कोयला बचा है राज्य के पास
बतौर रिपोर्ट्स, राज्य के थर्मल प्लांट कोयले की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। पीएसपीसीएल के सीएमडी ए वेणु प्रसाद ने बताया कि अधिकांश थर्मल प्लांटों के पास इस समय दो-चार दिन का ही कोयला बचा है। थर्मल प्लांट अपनी न्यूनतम क्षमता के साथ चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोयले की आपूर्ति बहाल न हुई तो राज्य में बिजली का गंभीर संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने बताया कि राज्य में प्रतिदिन 6000 मेगावाट बिजली की जरूरत है और सरकार अन्य स्त्रोतों से 5000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था कर रही है।
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राज्य सरकार ने अपने स्वामित्व वाले रोपड़ और लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांटों को बंद कर दिया गया है और फिलहाल राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल के निजी थर्मल प्लांटों से बिजली हासिल कर रही है। वहीं, उत्तर रेलवे (Northern Railways) के मुताबिक, इस आंदोलन से अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। किसानों के आंदोलन के कारण माल ढुलाई ठप पड़ी हुई है। किसान आंदोलन के चलते मालगाड़ी सेवा ठप पड़ने से कोयला, सीमेंट, उर्वरक और कंटेनरों का परिवहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। आंदोलन के चलते कई दूसरी ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं।