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सुरेश कुमार एक्सीडेंटल विधायक, 27 लाख लोन का वन टाइम सेटलमेंट 15 लाख पे ऑफ कर माफ करवाया
Rajinder Rana slams MLA Suresh Kumar: सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा (Former MLA of Sujanpur Rajendra Rana) ने भोरंज के विधायक सुरेश कुमार पर जमकर निशाने साधते हुए कहा कि वे एक्सीडेंटल विधायक (Accidental MLA)है। सुरेश कुमार बताएं कि 136 के तहत उनके कितने चेक बाउंस हुए हैं और कितनों को लेकर उन्हें नोटिस मिला है । उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप के नाम पर 27 लाख का लोन कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक से लिया गया था लेकिन अब वन टाइम सेटलमेंट (One Time Settlement)के तहत सिर्फ 15 लाख रुपए पे ऑफ करके इस लोन को माफ करवा लिया गया है । उन्होंने कहा कि सीएम सुक्खू (CM Sukhu)अपने मित्रों के लोन माफ करने में लगे हुए हैं।
मेडिकल कॉलेज में योगा टीचर लगाने को तैयार किए विशेष नियम
राजेंद्र राणा ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu)पर जमकर निशाना साधा। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीएम अपने मित्रों पर कितने मेहरबान हैं, यह तो अब प्रदेश और देश की जनता अच्छी तरह से जान चुकी है लेकिन अब इससे भी एक कदम आगे बढ़कर सीएम अब अपने मित्रों के परिवारों के सदस्यों को भी नियमों में बदलाव करके एडजस्ट करने में लगे हुए हैं। राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि सीएम के मित्र एवं करीबी सलाहकार के पारिवारिक सदस्य को मेडिकल कॉलेज (Medical College) में योगा टीचर नियुक्त करने के लिए विशेष नियम तैयार किए गए। इस पद पर नियुक्ति करने के लिए विज्ञापन तक निकाला गया और सिर्फ दिखावे के लिए चंद लोग इस में शामिल हुए। हैरानी की बात है कि देश में सैकड़ों मेडिकल कॉलेज है लेकिन किसी में भी योगा टीचर की नियुक्ति नहीं हुई है। फिर हिमाचल ( Himachal)में ऐसी क्या नौबत आ गई की नियुक्ति करनी पड़ रही है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के हजारों युवाओं के साथ धोखा किया गया है पात्र लोगों को नौकरियां नहीं मिल रही है लेकिन सीएम अपने मित्र के परिवार के लोगों को एडजस्ट ( Adjust) करने में लगे हैं, ऐसी नियुक्तियां करने में नियमों को भी अपने हिसाब से तैयार किया जा रहा है ताकि अपने इन लोगों को इन पदों पर लगाया जा सके पर ऐसा ही मामला हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में योगा टीचर की नियुक्ति को लेकर हुआ है।
भोटा अस्पताल जमीन को ट्रस्ट की सहयोगी संस्था के नाम हो
राजेंद्र राणा ने कहा कि हजारों लोगों को भोटा चैरिटेबल अस्पताल (Bhota Charitable Hospital) में सालों से इलाज की सुविधा मिलती आई है लेकिन सरकार यहां की व्यवस्थाओं पर दो करोड़ से ज्यादा रुपए की जीएसटी वसूल रही है, ऐसे में अस्पताल को चलाना समिति के लिए मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि ट्रस्ट एक दिसंबर से इस अस्पताल को बंद करने की बात कह चुकी है और कुछ दिन पूर्व सीएमत्री ने भी इस पर ट्रस्ट को सहयोग देने की बात की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को तुरंत स्पेशल ऑडियंस लाकर इसकी जमीन को ट्रस्ट की सहयोगी संस्था के नाम करना चाहिए ताकि लोगों को सुविधा मिलती रहे ।
अशोक राणा