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#Shopian: जवानों ने आतंकी की जगह मजदूर का कर दिया एंकाउंटर! कार्रवाई के आदेश
श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सेना द्वारा एक मुठभेड़ के दौरान नियमों की अवहेलना करने का मामला सामने आया है। सेना (Indian Army) द्वारा भी अपनी गलती को स्वीकार किया गया है। सेना ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए मुठभेड़ के दौरान नियमों की अवहेलना पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वारी ने जवानों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। इस वर्ष जुलाई में यह मुठभेड़ हुई थी और इसमें तीन लोग मारे गए थे। मुठभेड़ (Encounter) पर परिवारवालों समेत कई संगठनों ने सवाल उठाए थे। अमाशीपोरा में मारे गए लोगों के आतंकवादी ना होने का दावा किया गया था और मारे गए लोगों के परिवार ने कहा था कि ये सभी लोग राजौरी के मजदूर थे।
उमर अब्दुल्ला बोले- दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
इस घटना के पीड़ितों ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाया था और तीन लोगों के पीड़ित परिवार का आरोप है कि यह फर्जी एनकाउंटर था। इस घटना में जिन लोगों को मारा गया उनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था। जो तीन लोग मारे गए थे उनका डीएनए रिपोर्ट भी अभी आना बाकी है। श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान नैतिक आचरण के लिए प्रतिबद्ध सेना ने सोशल मीडिया पर सामने आई उन रिपोर्ट के बाद जांच शुरू की, जिसमें दावा किया गया था कि जम्मू के राजौरी जिले के रहने वाले तीन व्यक्ति अमशीपुरा से लापता पाये गए थे। जांच को चार सप्ताह के भीतर ही पूरा कर लिया गया।
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सेना की कार्रवाई पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया है। अब्दुल्ला ने कहा है कि जिन तीन लोगों की हत्या हुई उनके परिजन अपनी बेगुनाही साबित करते रहे हैं। अब सेना ने जब अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है, तो इससे तय है कि वह पीड़ित परिवार की बात से सहमत है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।