-
Advertisement

बहुत हो गया आश्वासन नहीं चाहिए जनाब रेगुलर कर दो- SMCअध्यापकों की सुक्खू सरकार को दो टूक
SMC Teacher Protest: हिमाचल प्रदेश में एसएमसी अध्यापक (SMC Teacher) आर-पार की लड़ाई के मूड में एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। ये सभी अध्यापक नियमितीकरण की मांग (Demand for regularization)कर रहे हैं। इससे पहले भी एसएमसी अध्यापक शिमला के चौड़ा मैदान में ही दिन-रात हड़ताल पर बैठे थे, उस समय शिक्षा मंत्री (Education Minister) ने ख़ुद धरना स्थल पर आकर मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। अब इतना लंबा वक़्त बीत जाने के बाद एसएमसी अध्यापकों की वही मांग लंबित है। उनकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे में अब यह अध्यापक आर पार की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरे हैं।
एसएमसी अध्यापक संघ के राज्य प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि एसएमसी अध्यापक बीते कई साल से प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनके लिए सरकार स्थाई पॉलिसी (Permanent Policy)नहीं ला रही है। एसएमसी अध्यापक दूरदराज के इलाकों में अपनी सेवाएं तो देते हैं, लेकिन उन्हें स्कूल में छुट्टियों के वक्त का वेतन तक नहीं दिया जाता। इन अध्यापकों को केवल 14 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है, इन पैसों में घर-परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द उनके लिए एक स्थाई पॉलिसी लाई जाए और 2 हजार 555 शिक्षकों को स्थाई तौर पर नियुक्ति दी जाए। इन अध्यापकों का दावा है कि राज्य में सबसे ज़्यादा ऐसे स्कूल( School) हैं, जहां सारा ज़िम्मा एसएमसी अध्यापकों के कंधे पर ही है। एसएमसी अध्यापक संघ के राज्य प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि इस बारे वे किसी तरह का आश्वासन नहीं, बल्कि नियमितीकरण का ऑर्डर लेकर ही जाएंगे। अब यह आरपार की लड़ाई का वक़्त है।
संजू चौधरी