-
Advertisement
![hp news today](https://himachalabhiabhi.com/wp-content/uploads/2022/02/una-hospitl.jpg)
हिमाचलः एनएचएम कर्मचारियों ने छोड़ा काम, अस्पतालों के बाहर हड़ताल पर बैठे
हिमाचल में नेशनल हेल्थ मिशन( National Health Mission) के तहत विभिन्न समितियों के अधीन कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी प्रदेश सरकार से नाराज चल रहे हैं। इन कर्मचारियों ने आज सरकार की बेरुखी के चलते प्रदेश भर में काम छोड़ो हड़ताल शुरू कर दी है। प्रदेश के अस्पतालों में कार्यरत इन कर्मचारियों ( Employees)ने सरकार के खिलाफ रोष जताते हुए अनदेखी का आकोर लगाया। कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि अभी भी यदि सरकार ने उनकी मांगों की तरफ सहानुभूति पूर्वक ध्यान नहीं दिया तो यह संघर्ष लंबा भी जा सकता है। प्रदेश भर में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग (Health Department)में सेवाएं दे रहे करीब 1700 कर्मचारी 23 सालों से सरकार की बेरुखी का शिकार है।
यह भी पढ़ें:केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, महंगाई भत्ते में 14% की हुई बढ़ोतरी
नेशनल हेल्थ मिशन कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा की अगुवाई में ऊना रीजनल अस्पताल में कर्मचारी हड़ताल पर बैठे। इस दौरान कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि यदि अब भी सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो यह पेन डाउन हड़ताल(Pen down strike) ज्यादा दिन तक भी हो सकती है। कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों ने लगातार अधिकारियों और सरकार के नुमाइंदों के सामने अपना पक्ष रखा। कर्मचारियों ने सदैव एक स्थाई पॉलिसी की मांग करते हुए अपना और अपने परिवारों का भविष्य सुरक्षित करने की मांग की। लेकिन किसी भी सरकार ने उनकी इस मांग को तवज्जो देना तो दूर गंभीरता से भी नहीं दिया।
यह भी पढ़ें:पे कमीशन: हिमाचल सरकार ने बढ़ाई कर्मचारियों को विकल्प देने की तिथि
प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा का कहना है कि आज हालत यह है नेशनल हेल्थ मिशन में 23 साल से सेवाएं दे रहे 1700 कर्मचारी अस्तित्व को बचाए रखने की जंग लड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार से हाल ही में हुई बातचीत के दौरान सीएम जयराम ठाकुर द्वारा केंद्र से बजट पारित करवाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारी किसी बजट की मांग तो कर ही नहीं रहे। कर्मचारियों की मांग सरकार की तरफ से बनने वाली एक स्थाई पॉलिसी है। जिससे समय-समय पर प्रदेश सरकार हर वर्ग के कर्मचारियों के लिए बनाती और लागू करती रहती है। ऐसे में सरकार की क्या मजबूरी है कि केवल और केवल एनएचएम के कर्मचारियों के साथ ही सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अब भी सरकार एनएचएम कर्मचारियों को अनदेखा करती है तो आने वाले समय में स्वास्थ्य विभाग के तहत बहुत सारे प्रोजेक्ट और अन्य सेवाएं प्रभावित होने वाली हैं। जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों और प्रदेश सरकार की रहेगी।
हिमाचल और देश-दुनिया के ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page