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शिमला। हिमाचल में नए वेतनमान के चलते रिकवरी (Recovery) के फेर में फंसे कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद प्रदेश के कर्मचारियों से रिकवरी नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों से रिकवरी न करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से कई कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन दूसरी तरफ अभी भी कुछ कर्मचारी नए वेतनमान को लेकर असमजंस की स्थिति में हैं। कर्मचारी अभी भी वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद 2.25 व 2.59 के मैट्रिक्स को अपनाने को लेकर कर्मचारी दुविधा में हैं। साथ ही वेतन विसंगतियों का मसला लगातार उलझता जा रहा है। नए वेतनमानों (New Pay Scales) के तहत वेतन निर्धारण को लेकर भी अभी डीडीओ को मशक्कत करनी है। वहीं नए वेतन आयोग लागू होने के बाद हर वर्ग के कर्मचारी वर्ग की ओर से जारी विरोध और नाराजगी को देखते हुए सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने स्वयं प्रदेश के कर्मचारियों और वेतन संबंधित समस्याओं का निवारण करने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति की पहली बैठक रविवार को 12 बजे शुरू होगी।
बता दें कि छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सरकार ने बीते दिसंबर माह में फैसला लिया। फैसले के मुताबिक कर्मचारियों को जनवरी 2016 से पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन मान मिलने हैं। पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद खजाने पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करने के मद्देनजर प्रदेश सरकार (Himachal Govt) ने अपने कर्मचारियों को 2017 से अंतरिम राहत देने का फैसला लिया। पहले वीरभद्र सरकार तथा इसके बाद जयराम सरकार ने अंतरिम राहत कर्मचारियों को दी। कर्मचारियों को 21 फीसद अंतरिम राहत मिल रही है। अंतरिम राहत मिलने के बाद कर्मचारियों के कई वर्गों के वेतन में मामूली इजाफा होने से उन्हें रिकवरी का खौफ सताने लगा था। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि कर्मचारियों से रिकवरी न करने को लेकर फैसला सरकार ले चुकी है।
शिमला स्थित सरकारी निवास ओक ओवर में अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सीएम जयराम ठाकुर के साथ बंद कमरे में मुलाकात की। पता लगा है कि इस दौरान सक्सेना ने सीएम को कर्मचारी संगठनों की ओर से दिए मांग पत्रों के संबंध में अवगत करवाया। सक्सेना ने सीएम से तीन फाइलों को लेकर चर्चा की और उन पर हस्ताक्षर करवाए। इनकी मुलाकात के दौरान वरिष्ठ मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी बाहर बैठे थे।
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