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Govt की क्या है Cashless Treatment Scheme, जिसमें Road Accident में घायल का होगा Free इलाज
Cashless Treatment Scheme : रोड एक्सीडेंट में घायल होने वाले पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है। सड़क हादसे में घायल हुए लोागों को अब कैशलेस ट्रीटमेंट (Cashless Treatment Scheme) की सुविधा मिलेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (Union Road Transport and Highways Minister) नितिन गडकरी ने इस कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम की घोषणा की है। इसके तहत हादसों के पीड़ितों के सात दिन के इलाज का 1.5 लाख रूपए तक का खर्च सरकार वहन करेगी। लेकिन (Police) पुलिस को हादसे के 24 घंटे के अंदर सूचना देनी होगी, तभी सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। इसके साथ ही हिट एंड रन के मामलों (Hit And Run Cases) में भी पीड़ित परिवारों को दो लाख रूपए तक मुआवजा मिलेगा।
📍𝑩𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 𝑴𝒂𝒏𝒅𝒂𝒑𝒂𝒎, 𝑵𝒆𝒘 𝑫𝒆𝒍𝒉𝒊 | Addressing Press Conference https://t.co/njZBOYe9IG
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 7, 2025
हिट एंड रन मामलों के मृतकों के परिजनों को मिलेंगे दो लाख रूपए
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को भारत मंडपम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की थी। इसमें परिवहन संबंधी नीतियों और केंद्र व राज्य के बीच सहयोग को लेकर चर्चा की गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने कैशलेस उपचार की योजना शुरू की है। इसके तहत अगर दुर्घटना होने के 24 घंटे के अंदर पुलिस को सूचना दी जाती है तो हम भर्ती होने वाले मरीज के सात दिनों के इलाज का खर्च और इलाज के लिए अधिकतम 1.5 लाख रूपए तक देंगे। इसके साथ ही हिट एंड रन मामलों के मृतकों के पीड़ित परिवारों को दो लाख रूपए दिए जाएंगे।
मुकेश ने स्क्रैपिंग नीति के वित्तीय बोझ का मामला उठाया
📍𝑩𝒉𝒂𝒓𝒂𝒕 𝑴𝒂𝒏𝒅𝒂𝒑𝒂𝒎, 𝑵𝒆𝒘 𝑫𝒆𝒍𝒉𝒊
Chaired a meeting of Transport Ministers from all States and Union Territories at Bharat Mandapam in New Delhi today.
As transport falls under the concurrent list of our Constitution, this annual gathering serves as a vital… pic.twitter.com/ienBMRgJjo
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 7, 2025
बैठक में हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Himachal Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने भी भाग लेते हुए प्रदेश में परिवहन क्षेत्र से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामले उठाए और इनके समाधान के दृष्टिगत केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया। उन्होंने (Vehicle Scrapping Policy) वाहन स्क्रैपिंग नीति के वित्तीय बोझ का मामला भी उठाया, क्योंकि हिमाचल प्रदेश को अपनी भौगोलिक स्थिति और कम वाहनों की संख्या के कारण विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे स्क्रैपिंग के लिए वाहनों की असेंबली महंगी और पेचिदा हो जाती है। मुकेश ने पूंजी निवेश के लिए विशेष केंद्रीय सहायता प्राप्त करने की समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का आग्रह किया। मुकेश ने कहा कि राज्य पर वित्तीय दबाव को कम करने के लिए स्क्रैपिंग प्रोत्साहन ऋण के बजाय अनुदान के रूप में प्रदान किए जाएं।
-पंकज शर्मा