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बरमाणा में ACC सीमेंट कंपनी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू
बिलासपुर। बरमाणा (Barmana) में एसीसी सीमेंट कंपनी (ACC Cement Company) के खिलाफ बिटिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा संख्यान स्थानीय जनता के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं। विस्थापित एवं प्रभावित जनता जो कई वर्ष से एसीसी सीमेंट कंपनी से प्रताड़ित है, पिछले सप्ताह बिटिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा संख्यान की अगुवाई में डीसी बिलासपुर (DC Bilaspur) से अपनी मांगों को लेकर मिले थे। उनको अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन देकर अवगत करवाया था, जिसमें अपनी मांगों का समाधान करवाने के लिए चार दिन का वक्त दिया था। जब चार दिन में कोई जवाब नहीं आया तो बिटिया फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सीमा संख्यान एवं बरमाणा की विस्थापित एवं प्रभावित जनता ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और एक सप्ताह का समय फिर दिया, लेकिन प्रशासन और एसीसी सीमेंट कंपनी के पदाधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। इसके बाद आज अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है।
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सीमा संख्यान ने कहा कि एसीसी सीमेंट कंपनी ने बरमाणा, पंजगाईं, धौणकोठी और साथ लगती पंचायतों से कूड़े के भाव जमीनें खरीद लीं, जिसके मुआवजे से ना तो और जमीन ही खरीदी गई और ना ही घर बना पाए। कुछ लोगों को छोड़ कर ना ही यहां के लोगों को नौकरी दी जाती है, ना ही कोई और रोजगार (Job) यहां के लोगों के पास है। जो थोड़ी बहुत जमीनें लोगों के पास बची हैं, वहां जब लोगों ने अपने घर बनाए और खेती करने जाना पड़ा तो एसीसी सीमेंट कंपनी के पदाधिकारियों ने इन लोगों के रास्ते ऊंची दीवार लगा कर बंद कर दिए। आज यहां के नौजवान बच्चे पढ़ लिख कर अपने घरों में बैठे हैं, उनको कोई रोजगार एसीसी सीमेंट कंपनी की तरफ से नहीं दिया जाता है, जबकि बाहरी राज्यों के लोगों को रोजगार दिया जाता है। इसी वजह से आज के नौजवान नशे की चपेट में आ रहे हैं। सीमा संख्यान ने कहा कि उन्होंने खुद देखा है, एसीसी सीमेंट कंपनी में कुछ दिन पहले लगभग 10 से 15 लड़कियों की भर्ती एसीसी सीमेंट कंपनी ने की, लेकिन एक भी लड़की यहां की नहीं है।
सीमा संख्यान ने कहा कि एसीसी सीमेंट कंपनी से इतना ज्यादा खतरनाक प्रदूषण निकलता है, जिससे यहां के विस्थापित एवं प्रभावित जनता भयानक बीमारियों की चपेट में आ रही है। अगर आज भी सर्वेक्षण करवाया जाए तो आधे से ज्यादा लोग भयानक बीमारियों की चपेट में निकलेंगे। उन्होंने प्रशासन और एसीसी सीमेंट कंपनी के पदाधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर उनकी इन मांगों को नहीं माना गया तो इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
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