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डिप्टी सीएम और सीपीएस की नियुक्तियों के मामले की सुनवाई 4 नवंबर तक टली
शिमला। हिमाचल प्रदेश में डिप्टी सीएम और सीपीएस की नियुक्ति (Appointment Of Deputy CM And CPS) को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 4 नवम्बर तक टल गई है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ ने डिप्टी सीएम के आवेदन पर फैसला सुरक्षित (Decision Reserved) रख लिया। आवेदन में डिप्टी सीएम ने नियुक्ति को कानूनी तौर पर सही ठहराते हुए याचिका से उनका नाम हटाने की गुहार लगाई है।
बीजेपी नेता सतपाल सत्ती सहित 12 बीजेपी विधायकों ने डिप्टी सीएम समेत सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिका में अर्की विधानसभा क्षेत्र से सीपीएस संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। याचिका में डिप्टी सीएम को कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने से रोकने के आदेशों की मांग के साथ साथ इसकी एवज में मिलने वाले अतिरिक्त वेतन को वसूलने की मांग भी की है।
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सात राज्यों में हैं डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने अपने आवेदन में यह दलील दी है कि यह याचिका पूर्व भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष द्वारा दायर की गई है जिसमें उन्हें डिप्टी सीएम होने के नाते प्रतिवादी बनाते हुए नियुक्ति को चुनौती दी गई है। उनके अनुसार सात राज्यों में हिमाचल प्रदेश की तरह डिप्टी सीएम (Deputy CM Appointed In Seven States) बनाए गए हैं और उन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। सर्वोच्च न्यायालय और हाईकोर्ट (SC And HC) के निर्णयों के मुताबिक उनकी नियुक्ति कानून के दायरे में आती है। खंडपीठ ने दोनों पक्षों की ओर से हुई बहस सुनने के पश्चात आवेदन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य याचिका पर सुनवाई 4 नवंबर को निर्धारित की गई है।