-
Advertisement
भगवान कृष्ण व राधा रानी को समर्पित फुलेरा दूज
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है। यह त्योहार विशेषकर उत्तर भारत में पूरे उत्साह व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस साल फुलेरा दूज 15 मार्च यानी आज मनाई जाएगी। फुलेरा दूज का त्योहार श्री कृष्ण व राधा रानी को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, फूलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। इस त्योहार को सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन किसी भी कार्य का शुभारंभ किया जा सकता है और इसके लिए विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है।
यह भी पढ़ें: शनिश्चरी अमावस्या पर ये उपाय दूर करेंगे आपकी जन्मपत्रिका से शनि दोष
फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त:
द्वितीया तिथि प्रारंभ- 14 मार्च, रविवार शाम 5.10 मिनट से
द्वितीया तिथि समाप्त- 15 मार्च, सोमवार शाम 6.50 मिनट तक
फुलेरा दूज का धार्मिक महत्वः
फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की साथ में पूजा की जाती है।
पूरे विधि-विधान से यदि पूजा की जाती है तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
मान्यता है कि इसी दिन से भगवान श्रीकृष्ण ने होली खेलने की परंपरा शुरू की थी।
होली का त्योहार मथुरा, वृंदावन में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस दिन फूलों की होली खेली जाती है।
फुलेरा दूज पर विवाह करना काफी शुभ माना जाता है।
फुलेरा दूज किसी भी कार्य के शुभ करने का विशेष दिन भी होता है। फुलेरा पर्व खासतौर से मथुरा, वृंदावन एवं उत्तर भारत में मनाया जाता है।इस दिन सभी कृष्ण मंदिरों को फूलों से सजाया जाता है। साथ ही कृष्ण जी के लिए कई पकवान बनाए जाते हैं। ब्रज क्षेत्र में, इस विशेष दिन पर, देवता के सम्मान में भव्य उत्सव होते हैं। रंगीन कपड़े का एक छोटा टुकड़ा भगवान कृष्ण की मूर्ति की कमर पर लगाया जाता है, जिसका प्रतीक है कि वह होली खेलने के लिए तैयार हैं।