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मिस्र की अल-हाकिम मस्जिद पहुंचे पीएम मोदी, जानें क्या है इसका गुजरात कनेक्शन
काहिरा। अमेरिका के बाद मिस्र के दौरे (Egypt Tour) पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) रविवार को काहिरा की अल-हाकिम मस्जिद (Al-Hakim Mosque) पहुंचे। इस मस्जिद को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया है। मस्जिद में पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। उन्होंने यहां लगी तस्वीरों को देखा। इसके बाद मस्जिद में उपस्थित लोगों से मुलाकात की। दाऊदी बोहरा (Dawoodi Bohra) समाज की इस मस्जिद का गुजरात (Gujarat) से करीबी कनेक्शन है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मस्जिद की शानदार वास्तुकला और नक्काशी को भी गौर से देखा। इसके बाद उन्हें कई उपहार भी दिए गए। इसमें शीशे में बंद एक लकड़ी की नौका, चीनी मिट्टी का बना बर्तन नुमा उपहार, मस्जिद की तस्वीर शामिल हैं।
क्या है मस्जिद का गुजरात कनेक्शन
11वीं सदी में दाऊदी बोहरा समुदाय ने इस मस्जिद का जिर्णोद्धार करवाया था। दाऊदी बोहरा भारत का एक छोटा सा मुस्लिम समुदाय है। गुजरात में इस समुदाय की अच्छी आबादी है। 13वीं सदी में मिस्र में ममलूक सल्तनत शासन करने लगी। 1303 के भूकंप में इस मस्जिद को नुकसान पहुंचा। ममलूक सुल्तान अबु-अल-फतह ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। हालांकि यह काम ठीक से नहीं किया गया। बाद में इस मस्जिद का इस्तेमाल जेल और अस्तबल के रूप में भी किया गया। नेपोलियन ने इसका किले के रूप में इस्तेमाल किया। 20वीं सदी में स्कूल भी बनाया गया। लेकिन 1970 में दाऊदी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी ली। वह भारत से जुड़े हुए थे। सामाजिक कार्यों के लिए भारत में उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया। 24 नवंबर 1980 को इसे औपचारिक रूप से खोल दिया गया। अब पर्यटक भी इस मस्जिद में जा सकते हैं।