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दिल्ली दंगा मामले में जेल में बंद Pregnant जामिया छात्रा सफूरा को मिली ज़मानत; केंद्र ने नहीं किया विरोध
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली दंगों से संबंधित मामले (Delhi riot case) में तिहाड़ जेल में बंद जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा ज़रगर (Safoora Zargar) को ज़मानत (Bail) दे दी है। अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में बंद सफूरा 5 महीने की गर्भवती (Pregnant) हैं। सफुरा को दिल्ली पुलिस ने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया था। सफुरा जरगर की जमानत अर्जी का केंद्र सरकार ने मानवीयता के आधार पर विरोध नहीं किया। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य को सफूरा को जमानत पर रिहा किए जाने से कोई समस्या नहीं है। बशर्ते वह उन गतिविधियों में लिप्त ना हो, जिनके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।
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यहां जानें किन शर्तों पर दी गई है जमानत
हाई कोर्ट ने सफूरा को निर्देश दिया है कि वह ऐसी किसी गतिविधि में संलिप्त ना हों, जिससे जांच में बाधा आए। उन्हें दिल्ली ना छोड़ने का भी निर्देश दिया गया है, उन्हें इस संबंध में अनुमति लेनी होगी। कोर्ट ने सफूरा को 15 दिनों में कम से कम एक बार फोन के जरिए जांच अधिकारी के संपर्क में रहने का भी निर्देश दिया है। उसे 10 हजार रुपए का पर्सनल बॉन्ड भी भरना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि सफूरा मामले से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगी और ना ही जांच या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगी। बता दें कि सफूरा जरगर पर दिल्ली हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। उनके प्रेग्नेंट होने की सूचना के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करने की मांग भी उठी थी। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सफूरा को 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने निचली अदालत द्वारा 4 जून को जमानत देने से इनकार करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
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तिहाड़ में 39 कैदियों ने दिया बच्चे को जन्म
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा जरगर की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उसकी गर्भावस्था से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती है। दिल्ली पुलिस ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में जरगर की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी महिला के खिलाफ स्पष्ट एवं ठोस मामला है और इस तरह वह गंभीर अपराधों में जमानत की हकदार नहीं है, जिसकी उसने सुनियोजित योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। इसने कहा कि मजबूत, ठोस, विश्वसनीय और पर्याप्त सामग्री मौजूद है जो जामिया में एम फिल की छात्रा जरगर के सीधे संलिप्त होने का सबूत है। वह 23 हफ्ते की गर्भवती है। पुलिस द्वारा कहा गया कि इस तरह के घृणित अपराध में आरोपी गर्भवती कैदी के लिए कोई अलग से नियम नहीं है कि उसे महज गर्भवती होने के आधार पर जमानत दे दी जाए और कहा कि पिछले दस वर्षों में दिल्ली की जेलों में 39 महिला कैदियों ने बच्चों को जन्म दिया।