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अब बढ़ सकते हैं कपड़ों के दाम, त्योहारी सीजन में नहीं मिलेगा कोई बड़ा डिस्काउंट
देश में आए दिन महंगाई बढ़ रही है। वहीं, इस साल रक्षाबंधन, नवरात्रि और दिवाली के दौरान कपड़ों (Clothes) की कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है। कपड़ों की लागत बढ़ाने से इस त्योहारी सीजन में दाम करीब 10 से 15 फीसदी बढ़ाने पड़ सकते हैं।
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गारमेंट क्षेत्र के कारोबारियों का आकलन है कि पिछले कई महीनों से लगातार कॉटन के दाम बढ़ रहे हैं। इसी के चलते ट्रांसपोर्टेशन की लागत के कारण से डिस्काउंट में कमी देखने को मिलेगी और दामों में भी इजाफा करना पड़ेगा। क्रिएटिव गारमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर और क्लॉथिंग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रेसिडेंट राहुल मेहता ने बताया कि देश के तमाम हिस्सों में गारमेंट के ऑर्डर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आने शुरू हो गए हैं। इसी के चलते इस साल ग्राहकों को त्योहारी सीजन में डिस्काउंट की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कपड़ों के दाम इसलिए बढ़ेंगे क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन की लागत बढ़ेगी और ट्रांसपोर्टेशन की लागत पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के कारण बढ़ेगी।
राहुल मेहता ने कहा कि दुनियाभर के मुकाबले भारत में कॉटन (Cotton) की कीमतें ज्यादा रही हैं और इसी कारण कारोबारियों की लागत भी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि कारोबारियों ने कॉटन के अलावा दूसरे फैब्रिक पर भी फोकस बढ़ाया है, लेकिन ये इतना नहीं बढ़ पाया कि इसकी लागत बढ़ सके।
जानकारी के अनुसार, आने वाले महीनों में दुनियाभर में कॉटन के दाम बढ़ने के आसार हैं। भारत में केंद्र सरकार ने अप्रैल से सितंबर के लिए कॉटन पर आयात शुल्क 10 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया है ताकि इससे कॉटन की सप्लाई बढ़ सके और दामों में स्थिरता आ सके। बता दें कि साल 2020 में कॉटन के दामों में साल दर साल 90 फीसदी का इजाफा देखा गया था और इस हिसाब से अंतरराष्ट्रीय कॉटन के मुकाबले भारतीय कॉटन के दामों में इजाफा हुआ है।