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शिमला में निजी बस ऑपरेटर हड़ताल परः जनता परेशान, स्कूल-दफ्तर पैदल पहुंचे लोग
Private Bus Operators Strike: शिमला में निजी बस ऑपरेटर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे राजधानी में लोगों को सुबह से अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राइवेट बसों की हड़ताल के चलते स्कूली बच्चे सुबह पैदल चलकर स्कूल पहुंचे। इसी तरह कामकाजी लोग भी अपने दफ्तर को देरी से पहुंचे। प्राइवेट ऑपरेटरों से अपनी बसें आरटीओ ऑफिस के बाहर खड़ी कर दी और मांगों को लेकर नारेबाजी की। हालांकि, एचआरटीसी ने अतिरिक्त बसें भी चलाई हैं लेकिन इसका खास असर नजर नहीं आया।

स्कूल बसों में सवारियां बिठाए जाने से नाराज
वहीं, प्राइवेट बस ऑपरेटर मांगे पूरी नहीं होने तक बसे चलाने को तैयार नहीं है। ऐसे में यदि सरकार ने जल्द इनकी मांगे नहीं मानी तो जनता को आने वाले दिनों में भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। दरअसल, प्राइवेट बस ऑपरेटर 40 किलोमीटर से लंबी दूरी की बसों की शहर में एंट्री पर रोक की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है कि लंबी दूरी की बसें सीधे आईएसबीटी से चलाई जाए। पुराने बस अड्डा में इनको एंट्री न दी जाए। इसी तरह, प्राइवेट बस ऑपरेटर एचआरटीसी की स्कूल बसों में सवारियां बिठाए जाने से नाराज है। इन मांगों को लेकर बीते 12 अक्टूबर को आरटीओ शिमला के साथ इनकी मीटिंग हुई। इसमें, प्राइवेट बस ऑपरेटरों की जो मांगे मानी गई थी, उनके पूरा नहीं होने पर आज से इन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
106 के करीब निजी बसें चलती हैं शिमला में
शिमला शहर में पहले भी कई बार सरकारी और प्राइवेट बस ऑपरेटरों में बसों की समय सारणी को लेकर टकराव देखने को मिला है। प्राइवेट बस ऑपरेटरों का आरोप है कि सरकारी बसें बिना समय सारणी के दौड़ती हैं। शिमला शहर में 106 के करीब निजी बसें चलती हैं, जिसमें हर रोज हजारों लोग सफर करते हैं। सरकारी बसों की संख्या प्राइवेट के मुकाबले आधी है। इससे संजौली, ढली, विकासनगर, समरहिल, कसुम्पटी, पंथाघाटी, मैहली, हिमलैंड, खलीणी इत्यादि उप नगरों में काफी संख्या में लोग घंटों बसों के इंतजार में खड़े हैं।
संजू चौधरी
