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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में क्लस्टर व्यवस्था के विरोध में उतरी पीटीएफ
वी कुमार/ मंडी। पीटीएफ यानी प्राइमरी टीचर फेडरेशन हिमाचल प्रदेश (Primary Teacher Federation Himachal Pradesh)के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हेमराज ठाकुर ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग (State Government and Education Department)से प्राइमरी स्कूलों के स्कूल कॉम्प्लेक्स क्लस्टर अलग रखने की मांग उठाई है। पंडोह में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए हेमराज ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy)के नाम पर प्राइमरी और सीनियर सकेंडरी स्कूलों के क्लस्टरों को एक साथ जोड़ा जा रहा है जोकि उचित नहीं है। इससे शिक्षा में किसी प्रकार का सुधार नहीं होगा बल्कि नुकसान ही होगा। छोटे बच्चो की पढ़ाई का स्तर अलग होता और बड़े बच्चें की पढ़ाई का स्तर अलग होता है। इससे इनमें किसी भी प्रकार का तालमेल नहीं बैठ पाएगा। वहीं, इसमें मेन रिर्सोसिस बढ़ाने की बात कही जा रही है जबकि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत यह पहले से ही तय है कि प्राइमरी बच्चों को कौन शिक्षक पढ़ाएगा और सीनियर सकेंडरी के बच्चों को कौन। ऐसे में क्या सीनियर सकेंडरी स्कूल का कोई अध्यापक प्राइमरी के बच्चों को पढ़ा पाएगा। बेहतर होगा कि सरकार प्राइमरी और प्री-प्राइमरी में रिक्त पड़े दस हजार पदों को जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यदि सरकार इस बात को नहीं मानती है तो फिर सरकार को शिक्षकों के विरोध का सामना करना पड़ेगा।
क्लस्टर व्यवस्था को लेकर उठाए सवाल
हेमराज ठाकुर ने कहा कि क्लस्टर व्यवस्था (cluster system) में हेडमास्टर या प्रिंसिपल को क्लस्टर का इंचार्ज बनाया गया है जबकि प्राइमरी के एक सीनियर टीचर को उसके नीचे रखा जा रहा है जोकि प्राइमरी टीचरों की शान के खिलाफ है। एक प्राइमरी टीचर लंबे संघर्ष के बाद सीएचटी बनता है और उसे किसी के नीचे रखना उचित नहीं है। वहीं, छुट्टी आदि के लिए भी क्लस्टर इंचार्ज को रिपोर्ट करने की जो बातें कही जा रही हैं उन्हें किसी भी लिहाज से नहीं माना जाएगा। इस मौके पर उनके साथ खंड प्रधान लेख राज, कश्मीर सिंह, तिलक राज, शेष राम, हीरा लाल, महासचिव महेंद्र ठाकुर, चिंतामणि, उपाध्यक्ष जिला मुकेश कुमार, मीडिया प्रभारी विशाल किंगोपा और दौलत राम भी मौजूद रहे।