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आपदा में छिन गया था रोजगार तो बंगाणा के राकेश के शुरू किया गद्दे बनाने का कारोबार
ऊना। कोरोना महामारी ने जहां कई लोगों के रोजगार को छीन लिया, वहीं कुछ लोगों ने आपदा को अवसर बना लिया। बंगाणा निवासी राकेश कुमार इसी की एक मिसाल हैं। आठ वर्षों तक नोएडा में लिब्रा व जिंदल जैसी बड़ी कंपनियों में काम कर चुके राकेश के पास कोविड महामारी ने जब रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया, तो उन्होंने सरकार की मदद लेकर आपदा को अवसर बना लिया। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत राकेश कुमार ने अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आवेदन किया। सरकार से आर्थिक मदद मिलने के बाद उन्होंने स्वयं का गद्दा उद्योग स्थापित किया, जो उनकी आय का स्रोत बन गया। वह आज दूसरों को भी अपने उद्योग के माध्यम से रोज़गार प्रदान कर रहे हैं।
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राकेश कुमार बताते हैं कि गद्दे बनाने की इकाई का नाम उन्होंने फ्रैश ड्रीम ब्रांड रखा है। बंगाणा में ही एक यूनिट लगाकर वह हर प्रकार के गद्दे बनाते हैं, जिसमें सोफा कम बेड, स्प्रिंग के गद्दे, शीट, पिल्लो व कुशन शामिल आदि हैं। गद्दे बनाने के लिए वह अच्छी गुणवत्ता की फोम जैसे हिटलोन, ईपी, पीओ, बोंडो व कवायर का इस्तेमाल करते हैं। राकेश के अनुसार उनके तैयार किए गद्दे बाजार के रेट से कम पर उपलब्ध हैं। बाजार से भी उन्हें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए वह तकनीक की मदद से अपने गद्दों की ऑनलाइन सेल भी करते हैं।
बंगाणा निवासी राकेश कुमार एमकॉम पास हैं। अपने कारोबार को आगे बढ़ाने में उन्हें पढ़ाई-लिखाई का भी फायदा मिला। साथ ही उद्योग विभाग ने उनकी भरपूर मदद की। राकेश कुमार ने कहा कि कोरोना संकट के बीच घर का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो गया था। लेकिन सरकार की मदद से अब अच्छा काम चल रहा है। जो भी व्यक्ति अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं, प्रदेश सरकार उनकी भरपूर मदद करती है। राकेश की तरह ही जिला ऊना में पिछले साढ़े तीन वर्षों में 300 से अधिक युवाओं ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाया है।
जिला औद्योगिक केंद्र ऊना के महाप्रबंधक अंशुल धीमान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने पढे़-लिखे बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत औद्योगिक ईकाई, ब्यूटी पार्लर, फ्लोर मिल, मोबाईल रिपेयर शॉप, सर्विस स्टेशन व सेवा ईकाई आदि लगाने के लिए एक करोड़ रूपये तक ऋण प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना के तहत पुरुषों को 25 प्रतिशत, महिलाओं को 30 प्रतिशत व विधवा महिलाओं को 35 प्रतिशत उपदान दिया जाता है। दस लाख रूपये तक का लोन लेने के लिए पात्र व्यक्तियों को कोई भी बैंक गारंटी देने की जरूरत नहीं होती। इस योजना के अंतर्गत 5 प्रतिशत की दर से 3 वर्षों तक 60 लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज अनुदान प्रदान किया जाता है।