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अनुराग ठाकुर से चर्चा के बाद हिमाचल में लागू होगी नई खेल नीति, यहां पढ़ें क्या है इसमें खास
शिमला। हिमाचल प्रदेश के लिए नई खेल नीति (New Sports Policy) बनकर तैयार है। नई नीति में खेल व खिलाड़ियों (Sports And Players) दोनों के हितों का ध्यान रखा गया है। यह बात गुरुवार को शिमला में खेल मंत्री राकेश पठानिया ने दी। उन्होंने बताया कि नई खेल नीति को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) से बैठक कर जल्द ही प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में स्नो स्पोर्ट्स और विंटर ओलंपिक को भी बढ़ावा दिया जाएगा। राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने कहा कि नई खेल नीति में कुश्ती, बॉलीबाल, तीर अंदाज़ी, शूटिंग व एथेलेटिक्स में ज़ोर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये स्थानीय खेल है और इसमें प्रतिभाओं की खोज कर प्रशिक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि अब स्कूलों (School) से ही बच्चों को कोचिंग दी जाएगी, और प्रतिभावान बच्चों को अकादमी में तराशा जाएगा। खेलों के लिए शिमला धर्मशाला व मनाली में 3 स्टेडियम बनाए जाएंगे। जिसपर 22 करोड़ रुपए खर्च हो रहे है। इन जगहों को हवाई सेवाओं से जोड़ा जाएगा। बता दें कि हिमाचल में 19 साल पुरानी खेल नीति बदलने जा रही है। नई खेल नीति में शामिल हर बिंदू को अगर लागू किया जाता है तो यह खेल और खिलाड़ियों के दिन बदल देगी। इसके साथ ही इस खेल नीति के लागू होने से खेल संघों का राज खत्म हो जाएगा। खिलाड़ियों को खेलने के लिए खुले के अलावा उनपर धनवर्षा भी होगी। इसके साथ ही नए स्टेडियम बनेंगे। नई खेल नीति में खिलाड़ियों की डाइट मनी (Players Diet Money) भी बढ़ेगी। यह डाइट मनी दोगुनी होगी। जबकि पुरस्कार की राशि में भी बढ़ोतरी होगी।
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साइना नेहवाल सकोह में बनाएंगी बैडमिंटन अकादमी
इंटरनेशनल बैडमिंटन अकादमी (International Badminton Academy) के लिए बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल को कांगड़ा जिले के सकोह के पास जमीन दी जाएगी। साइना नेहवाल ने अकादमी बनाने के लिए सरकार के पास आवेदन किया है। अकादमी के बनने से प्रदेश के खिलाड़ियों को बैडमिंटन में प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा।
नौकरी में तीन फीसदी मिलेगा आरक्षण, पेंशन भी मिलेगी
सरकार ने खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी (Jobs) में तीन फीसद आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का फैसला भी लिया है। हाई एल्टीट्यूड खेलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को पेंशन दी जाएगी। अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न प्राप्त अवार्डियों को भी पेंशन मिलेगी।
प्रदेश में बनेंगे स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी
नई खेल नीति 2020 में प्रदेश में स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी (Sports Museum and Library) भी बनाई जाएगी। भाषा एवं संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर स्पोर्ट्स म्यूजियम बनाया जाएगा। इसमें खेल गतिविधियों से जुड़े प्रदेश के इतिहासए बेहतरीन खिलाड़ियों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी। स्पोर्ट्स लाइब्रेरी में खेल से जुड़ी अलग-अलग तरह की लिखित सामग्री और ओलंपिक स्पोर्ट्स की किताबें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
19 साल पुरानी खेल नीति को बदलेगी सरकार
साल 2001 में प्रदेश की खेल नीति बनाई गई थी। बीते कई वर्षों से नई नीति बनाने के प्रयास जारी रहे। अब जयराम सरकार ने 19 साल बाद खेल नीति तैयार की है। हिमाचल की नई खेल नीति में पहली बार दिव्यांगों की खेलों के साथ साहसिक खेलों को शामिल किया गया है। राज्य अभिमन्यु अवार्डए राज्य गुरू वशिष्ठ अवार्ड और अवार्ड फॉर दिव्यांग भी शुरू किए जाना प्रस्तावित है।
यहां जाने नई खेल नीति की पूरी जानकारी
- इसमें सरकार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विशेष खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए अर्जुन पुरस्कार की तर्ज पर चेतना पुरस्कार शुरू करेगी।
- नई खेल नीति में खेल संघों को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। एक खेल के लिए एक ही संघ बनाने का इसमें सबसे बड़ा प्रावधान है। निष्क्रिय हुए खेल संघों की मान्यता रद्द करने का भी इसमें व्यवस्था है।
- गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे। स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव है।
- खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में तीन फीसदी आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान भी किया गया है।खेल नीति 2020 में कुल्लू को एडवेंचर स्पोर्ट्स, सिरमौर और कांगड़ा को एथलेटिक्स और कबड्डी का हब बनाया जाएगा।
- स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की व्यवस्था है।
- राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उपमंडल स्तर के एथलीटों को स्कूल-कॉलेजों की हाजिरी में भी विशेष छूट दी जाएगी।
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