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हिमाचलः रेरा ने Promoter पर करोड़ों का रिफंड व लगाया जुर्माना, क्यों जानने के लिए पढ़ें खबर
शिमला। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) हिमाचल प्रदेश के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्राधिकरण को मैसर्ज राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड, राजदीप शर्मा पुत्र संसार चंद शर्मा, साक्षी राजदीप पत्नी राजदीप शर्मा, शकुंतला देवी पत्नी संसार चंद शर्मा निवासी गांव जखार तहसील रोहड़ू जिला शिमला हिमाचल प्रदेश के खिलाफ शिकायतकर्ताओं से 12 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने वर्ष 2014 में क्लैरीज रेजिडेंसी भराड़ी के ब्लॉक एबीसी (ABC) और डी में फ्लैट आरक्षित करवाए थे। यह परियोजना कुल 1418 वर्ग मीटर भूमि में हैं।
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परियोजना के मालिक राजदीप शर्मा ने मई 2014 में संयुक्त विकास समझौते के तहत भूमि के टाइटल लैंड इंटरस्ट मैसर्ज राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दिए। उन्होंने बताया कि इन प्रमोटरों (Promoters) के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में से नौ शिकायतों का फैसला आवंटियों के पक्ष में किया गया है और तीन अन्य शिकायतें सुनवाई/आदेश के लिए लंबित हैं। पांच शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राजदीप शर्मा, प्रमोटर ने अन्य परिवार के साथ मिलकर ब्लॉक सी और डी में दो बीएचके/तीन बीएचके फ्लैट (Three bhk flats) आरक्षित कर उनकी मेहनत के लगभग 1.65 करोड़ रुपये हड़प लिए हैं।
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प्रमोटर/संबंधित कंपनी ने समय पर निर्माण कार्य नहीं किया या निर्धारित अवधि में फ्लैटों का कब्जा नहीं दिया। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ब्लॉक सी और डी में फ्लैट आरक्षित करने के लिए उचित राशि प्राप्त होने के बावजूद प्रमोटर ने उनके फ्लैट तीसरी पार्टी को बेच दिए और उन्हें फ्लैट के आवासीय उपयोग से वंचित किया गया। अन्य शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वह करोड़ों की धनराशि खर्च कर ब्लॉक ए में आवंटित फ्लैटों में रह रहे हैं, परंतु मैसर्ज राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड (M / s Rajdeep & Company Infra Private Limited) और राजदीप शर्मा से बार-बार आग्रह करने पर भी उन्हें बिजली और पानी के घरेलू कनेक्शन प्रदान नहीं किए हैं। वह पानी और बिजली की सुविधा के लिए वाणिज्यिक दरों पर भुगतान कर रहे हैं। प्रमोटर ने उन्हें पार्किंग, बिजली व पानी, क्लब हाउस भवन/जिम की आधारभूत सुविधा प्रदान किए बिना उनसे लाखों रुपये रख-रखाव चार्ज के रूप में प्राप्त किए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि प्राधिकरण ने मैरिट के आधार पर नौ मामलों का फैसला सुनाया और प्रतिवादी प्रमोटर को एसबीआई-एमसीएलआर (हाइएस्ट मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लैंडिंग रेट) की 7.3 प्रतिशत ब्याज दर तथा हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डवेल्पमेंट रूल, 2017 के रूल 15 के तहत दो प्रतिशत के साथ 1.65 करोड़ रुपये वापस करने के निर्देश दिए। उन्हें 1.65 करोड़ रुपये वापस करने के साथ इस राशि पर 9.3 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करना होगा। प्राधिकरण ने अधिनियम के तहत दायित्व का निर्वहन ना करने पर प्रमोटर पर 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह उन्हें रेरा के खाते में दो माह में जमा करना होगा। इसमें असफल रहने पर उन्हें जुर्माने की दोगुना राशि अदा करनी होगी।
प्राधिकरण ने मैसर्ज राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड और राजदीप शर्मा, प्रमोटर पर बिजली व पानी की आधारभूत सुविधा प्रदान ना करने और सुविधाएं उपलब्ध ना करवाने पर शिकायतकर्ताओं से चार्जिज लेने के लिए 18 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है। यह तीन माह की अवधि में जमा करवाना होगा, इसमें असफल रहने पर जुर्माना राशि के रूप में प्रमोटर को लगभग 50 लाख रुपये और अदा करने होंगे। प्रवक्ता ने बताया कि प्रमोटर को शिकायतकर्ताओं के बिजली व पानी के कनेक्शन डिसकनेक्ट करने की तिथि से उन्हें पुनः लगाने की तिथि तक लिए गए वाणिज्यिक चार्जिज तथा रखरखाव के लिए अतिरिक्त चार्जिज पर 9.3 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ शिकायतकर्ता को वापस देने होंगे। यह आदेश रेरा की वेबसाइट www.hprera.in पर अपलोड कर दिए गए हैं।