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Uttarakhand Glacier Burst : टनल में फंसे 34 लोगों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, ड्रिलिंग को लाई नई मशीन
चमोली। जिले के तपोवन में तबाही के बाद अभी भी काफी लोगों का पता नहीं चल पाया है। एनटीपीसी के निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 व्यक्तियों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन सातवें दिन भी जारी है। सुरंग में आगे की ड्रिलिंग के लिए नई मशीन (New Machine) लाई गई है। डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि एनटीपीसी (NTPC) ने छोटी सुरंग के अंदर मलबे को हटाने के लिए शाफ्ट खुदाई की। बड़ी सुरंग के लिए भी काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कल मैथन में एक शव बरामद होने के बाद हरिद्वार तक खोज को बढ़ाया है। वहीं, जिलाधिकारी स्वाती एस भदौरिया ने तपोवन क्षेत्र में चल रहे राहत-बचाव कार्य के निरीक्षण के दौरान बताया कि एनटीपीसी के अनुसार, सुरंग के अंदर खुदाई 136 मीटर तक की गई है। खुदाई करने वालों को भी रैनी गांव में रखा गया है।
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कनेक्टिविटी के लिए बेली ब्रिज पर भी काम कर रहा बीआरओ
डीजीपी ने बताया कि सभी मोर्चों पर प्रगति जारी है। कनेक्टिविटी (Connectivity) फिर से शुरू हो गई है। बीआरओ बेली ब्रिज पर भी काम कर रहा है। एसडीआरएफ और आइटीबीपी राहत शिविर लगाए हैं। जिला प्रशासन भी लोगों की जरूरतों का ख्याल रख रहा है और लापता व्यक्तियों की खोज में अभियान लगातार चल रहा है। बीआरओ निदेशक आरएस रावत ने बताया कि यह 200 फीट का बेली ब्रिज है, जिसका निर्माण हम चमोली में एक विकल्प के रूप में कर रहे हैं। बाधाओं के बावजूद, इसे बनाने के लिए बीआरओ दिन-रात काम कर रहा है। इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा। बीआरओ के कर्नल बृजेंद्र एस सोनी ने बताया कि बैली ब्रिज को हम सबसे पहले लॉन्च कर सकते हैं। इसके बाद चमोली में कनेक्टिविटी के लिए स्थायी पुल बनाएंगे।
This is how our #SDRF team is working diligently and risking their lives while supplying the necessary items!#Uttarakhand #Chamoli pic.twitter.com/XzJsHDGd8N
— Yash (@Yashfacts28) February 12, 2021
आपको बता दें कि चमोली के रेणी और तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में सभी तक कुल 38 शव और 18 मानव अंग अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं, जिसमें जनपद चमोली में 30 शव और 18 मानव अंग, जनपद रुद्रप्रयाग में छह शव, जनपद पौड़ी में एक शव और जनपद टिहरी गढ़वाल में एक शव बरामद किए गए हैं। बरामद 12 शवों और एक मानव अंग की शिनाख्त की जा चुकी है। जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है उन सभी का डीएनए संरक्षित किए गए हैं।