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कालका-शिमला फोरलेन के दूसरे चरण को मिली एफसीए की मंजूरी
शिमला। कालका-शिमला फोरलेन(Kalka-Shimla four lane) के दूसरे चरण में कंडाघाट के नजदीक प्रस्तावित सुरंग (proposed tunnel) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय (Union Ministry of Forest and Environment) ने फोरलेन के दूसरे चरण के लिए एफसीए की मंजूरी प्रदान कर दी है। सोलन के डीएफओ कुणाल अंग्रीश ने एफसीए की मंजूरी मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि एफसीए की मंजूरी मिल चुकी है। अब वन विभाग कंडाघाट में सुरंग के समीप 1.8 हैक्टेयर भू-भाग पर आगामी मानसून सीजन में करीब 2 हजार पौधे लगाएगा।
दूसरे चरण में 667 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण प्रस्तावित
उल्लेखनीय है कि कालका-शिमला फोरलेन (Kalka-Shimla four lane) पर कंडाघाट के नजदीक 667 मीटर लंबी सुरंग का दूसरे चरण में निर्माण होना है। करीब 6 माह पहले सुरंग के दूसरे छोर पर पानी का टैंक आड़े आ गया। साथ ही फोरेस्ट क्लीयरेंस (forest clearance) रिपोर्ट ना होने के कारण भी कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसके चलते फोरलेन के निर्माण में लगी कंपनी ने कार्य रोक दिया था। कंपनी ने यहां से नई डीपीआर तैयार करने के लिए एनएचएआई को लिखा और अतिरिक्त बजट की भी मांग की थी। इसी के साथ फॉरेस्ट क्लीयरेंस रिपोर्ट के लिए लिखा था।अब केंद्रीय मंत्रालय ने इस सडक़ के निर्माण कार्य के लिए एफसीए मंजूरी प्रदान कर दी है।
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ट्रैफिक व्यवस्थित होगा, शिमला से कुछ दूरी भी घटेगी
डीएफओ कुणाल अंग्रीश ने बताया कि सोलन से कैथलीघाट तक चल रहे राष्ट्रीय राजमार्ग ( NH) के चौड़ीकरण कार्य हेतु कंडाघाट के समीप 0.9036 हैक्टेयर वन भूमि के प्रवर्तन के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से फॉरेस्ट क्लियरेंस प्राप्त हुई है। इस क्लीयरेंस से कंडाघाट के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग की 667 मीटर लंबी सुरंग पूरे किए जाने का रास्ता साफ होगा। राजमार्ग पर शिमला की तरफ सुरंग का 407 मीटर का हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा पूर्ण किया जा चुका है। क्लीयरेंस के बाद कंडाघाट की तरफ सुरंग के बचे हुए 260 मीटर हिस्से पर कार्य आरंभ किया जा सकेगा। सुरंग से ना केवल कंडाघाट क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्थित होगा अपितु शिमला से कुछ दूरी भी घटेगी।