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अमेरिका से 21 साल बाद सिरमौर के इस स्कूल में पहुंचे नासा के सीनियर साइंटिस्ट
नाहन। अपने स्कूली दिनों को याद करना अक्सर एक सुखद अनुभव होता है। लेकिन जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (US Space Agency NASA) जैसे विख्यात केंद्र में सीनियर साइंटिस्ट 21 साल बाद हिमाचल प्रदेश के स्कूल में बच्चों से मिलने पहुंचें तो बच्चों के लिए यह और सुखद और ज्ञानवर्धक हो जाता है। कुछ इसी तरह का वाकया नाहन के जवाहर नवोदय स्कूल (Jawahar Navoday School) के बच्चों के साथ हुआ, जिनसे मिलने डॉक्टर अशोक वर्मा खुद पहुंच गए। स्कूल के स्टाफ और बच्चों ने उनका धूमधाम से स्वागत किया और नासा के सीनियर विज्ञानी डॉक्टर वर्मा जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने की प्रेरणा ली।
सिरमौर के हैं डॉ. अशोक वर्मा
सिरमौर जिला से ताल्लुक रखने वाले साइंटिस्ट डॉ. अशोक वर्मा के नाम पर क्षुद्रग्रह का नामकरण भी किया गया है। डॉ. अशोक वर्मा ने बताया कि करीब 21 वर्ष पहले उन्होंने यहां से 12वीं कक्षा पास की थी। आईआईटी खड़गपुर में उनकी भेंट एक वरिष्ठ प्रोफेसर पीसी पांडे से मुलाकात हुई थी, जिन्होंने नासा के बारे में जानकारी दी। डॉ. वर्मा को चंद्रयान-1 (Chandrayan 1) में रिसर्च करने का भी मौका मिला। इसके बाद उन्होंने फ्रेंच स्पेस एजेंसी से PHD की और अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया में 8 साल तक बतौर साइंटिस्ट काम किया। करीब डेढ़ वर्ष पहले उन्होंने नासा के स्पेस फ्लाइट सेंटर में बतौर फ्लाइट डायनेमिक इंजीनियर के रूप में ज्वॉइन किया और वर्तमान में वहां बतौर मिशन स्पेशलिस्ट काम कर रहे हैं।
जब भी चाहो गाइडेंस मिलेगी
डॉ. अशोक वर्मा ने बच्चों से अपील की है कि वे अपना लक्ष्य निर्धारित करें। वे निश्चित तौर पर एक दिन अपने लक्ष्य तक पहुंचेगे। उन्होंने बच्चों को आश्वासन देते हुए कहा कि कभी भी बच्चों को उनकी गाइडेंस की आवश्यकता पड़ती है तो वह हमेशा मदद के लिए तैयार हैं।