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नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) का आज दूसरा दिन था। पहले दिन कुल 1.91 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई जिनमें से करीब 100 लोगों में इसके साइड इफेक्ट (Side Effect) नजर आए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 52 लोग दिल्ली के हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल में 14-14, तेलंगाना में 11,ओडिशा में 3 साइड इफेक्ट के मामले दिखे हैं। यानी 0.05 प्रतिशत लोगों में इसका साइड इफेक्ट नजर आया है। हालांकि, पहले दिन टारगेट के मुकाबले महज 60 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई।
जानकारी के अनुसार 16 जनवरी से पूरे देश में वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था। पहले दिन सफाई कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की डोज दी गई। कुछ जगह पर वैक्सीन लगने में बाद मामूली परेशानी की शिकायतें भी आईं हैं। इनमें से दो स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगने के कुछ घंटे बाद एलर्जी की शिकायत हुई और कुछ को घबराहट हुई। वहीं एक कर्मचारी को AEFI सेंटर भेजने की नौबत तक आ गई।
राजधानी दिल्ली के सभी 11 जिलों में 8,117 लोगों को टीका लगाया जाना था, लेकिन 4,319 कर्मचारियों को ही टीका लगाया गया। इनमें से वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के 52 मामले सामने आए हैं जिनमें से एक मरीज के गंभीर होने की भी खबर है। दिल्ली (Delhi) के 11 में से सिर्फ दो ही जिले ऐसे हैं जहां एक भी वैक्सीन साइड इफेक्ट का मामला नहीं आया है। उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिले में साइड इफेक्ट का कोई भी मामला सामने नहीं आया, जबकि बाकी सभी 9 जिले में वैक्सीन से तबीयत बिगड़ने के मामले सामने आए हैं। हालांकि चिंता की बात नहीं है। सरकार ने हर टीका बूथ के पास एक एईएफआई सेंटर बनाया है जहां टीका लगने के बाद साइड इफेक्ट्स दिखने पर इलाज की सुविधा मिल रही है।
दिल्ली के अलावा पश्चिम बंगाल में भी कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यहां करीब 15,707 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई गई। वहीं AEFI (Adverse Event Following Immunization) के 14 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इनमें एक की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। हालांकि हालत अभी स्थिर है। साइड इफेक्ट के बाद इन्हें एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। वहीं, तेलंगाना में भी AEFI के 11 केस सामने आए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, यहां 3,962 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया गया है। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 9 जिलों से AEFI के कम से कम 21 केस सामने आए हैं। इनमें अलवर से 5 और बाड़मेर से 4 और जयपुर से आए तीन केस हैं। इन सभी का इलाज चल रहा है।
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