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भारतीय नोटों पर तिरछी लाइनें क्यों होती हैं, यहां जानें इनके पीछे का गहरा राज
Last Updated on April 8, 2022 by sintu kumar
नई दिल्ली। आप हररोज लेनदेन जरूर करते होंगे या फिर शॉपिंग-सब्जी खरीदते समय नोटों (Note) का प्रयोग करते होंगे। क्या कभी आपने इन नोटों पर बनीं तिरक्षी लाइनों (Slanted Lines)पर ध्यान दिया है। अगर आपने इन लाइंस पर गौर किया होगा तो देखे होंगे कि नोट की कीमत (Cost) के हिसाब से इनकी संख्या घटती -ण्बढ़ती हैंए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन लकीरों को नोटों पर क्यों बनाया गया है। दरअसल ये लकीरें इस नोट के बारे में बड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देती है। आइए जानते हैं 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर बनीं इन लाइनों का क्या मतलब है।
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क्या होते हैं ब्लीड मार्क्स
नोटों पर बनीं इन लकीरों को ब्लीड मार्क्स (Bleed Marks) कहते हैं। ये ब्लीड मार्क्स विशेष रूप से नेत्रहीनों के लिए बना गए हैं। नोट पर बनी इन लकीरों को छू कर वे बता सकते हैं कि यह कितने रुपए का नोट है। इसीलिए 100, 200, 500 और 2000 के नोटों पर अलग-अलग संख्या में लकीरें बनाई गई हैं और इन्हीं लाइनों से नेत्रहीन (Visually Impaired) इसकी कीमत भी पहचानते हैं।
नोट पर छपी लकीरें बताती हैं उसकी कीमत
आइए अब नोट की कीमत पर नजर डालते हैं। ये लकीरें नोटों की कीमत बताती हैं। 100 रुपए के नोट में दोनों तरफ चार-चार लकीरे बनी होती हैंए जिसे छू कर नेत्रहीन समझ जाते हैं कि ये 100 रुपए का नोट हैं। वहींए 200 के नोट के दोनों किनारे चार-चार लकीरे हैं और साथ ही दो.दो जीरो भी लगे हैं। वहीं, 500 के नोट में 5 और 2000 के नोट में दोनों तरफ 7ऋ7 लकीरें बनाई गई हैं। इन लकीरों की मदद से ही नेत्रहीन आसानी से इस नोट को और उसकी कीमत पहचान लेते हैं।