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मरने के 3 साल बाद Lockdown में घर लौटा बेटा; पिता ने कर दिया था अंतिम संस्कार
Last Updated on May 15, 2020 by
छतरपुर। पूरे देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच भारत में पिछले डेढ़ महीने से अभी अधिक समय से लॉकडाउन (Lockdown) लागू है। इस दौरान जहां लोग अपने घर और गांव पहुंचने की चाह में मीलों चलकर अपनी मंजिल हासिल कर पा रहे हैं, तो कुछ लोग बीच राह में ही रुके के रुके रहे जा रहे हैं। इस सब के बीच मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर से एक बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर 3 साल पहले मृत माना गया एक लड़का लॉकडाउन में अपने घर लौट आया है।
यहां जानें पूरा मामला
यह लड़का 3 साल पहले अपन गांव से लापाता हो गया था। जिसके बाद जंगल में मिले कंकाल (Skeleton) को बेटे का मानकर उसके पिता ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। अब जब 3 साल बाद बेटा प्रवासी मजदूरों के साथ अचानक घर पहुंचा, तो लोग उसे देखकर हैरान रह गए। उदय का कहना है, ‘कुछ लोग मुझे जबरन चोरी के मामले में फंसा रहे थे, जबकि असल में कुछ ऐसा नहीं था। इसकी वजह से मैं दिल्ली (Delhi) भाग गया था। मैं वापस आकर बहुत खुश हूं।’ बेटे को सामने देख कर उदय के पिता ने कहा कि हमने कंकाल का अंतिम संस्कार कर अस्थियों को एक नदी में विसर्जित कर दिया, यह विश्वास करते हुए कि यह हमारा 12 वर्षीय उदय था। लेकिन भगवान दयालु हैं, जो उसे फिर से वापस ले आए।
किसका था कंकाल, इस बात की जांच करेगी पुलिस
वहीं इस मामले के बार में जानकारी देते हुए पुलिस द्वारा बताया गया कि वर्ष 2017 में उदय के लापता होने के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जब उसकी तलाश की गई तो पुलिस ने एक कंकाल बरामद किया। कंकाल में मिले कपड़े के एक टुकड़े से उसके पिता ने शिनाख्त भी कर ली। बहरहाल, अब हम इस बात की जांच करेंगे कि वह कंकाल किसका था। उदय ने बताया कि वह गुड़गांव की एक फैक्ट्री में काम कर रहा था और वहीं रहता था।