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हिमाचल सरकार ने बंद किया डॉक्टरों का एनपीए, नए भर्ती होने वालों को होगा नुकसान
हिमाचल की सुक्खू सरकार ने आने वाले समय में भर्ती होने वाले मेडिकल, डेंटल, आयुष और पशु चिकित्सकों के लिए नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस (एनपीए) को बंद कर दिया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लेकर प्रधान सचिव वित्त मनीष गर्ग ने आदेश जारी कर दिए है। इन आदेशों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल एजुकेशन, डेंटल, आयुष और पशुपालन विभाग में भर्ती होने वाले नए डॉक्टर को नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस नहीं मिलेगा। प्रदेश में वर्तमान में सेवारत डॉक्टरों को एनपीए पूर्व की तरह मिलता रहेगा। लेकिन आने वाले समय में भर्ती होने वाले डॉक्टरों को सरकार के इस आदेश से वित्तीय नुकसान होगा।
जाहिर है भारत सरकार की सिफारिश पर सभी राज्यों में एनपीए दिया जाता है, जो डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी होता है। इसका मकसद डॉक्टरों को चिकित्सीय सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग, मेडिकल एजुकेशन, डेंटल, आयुष और पशुपालन विभाग में डॉक्टरों का लगभग 5000 से ज्यादा कॉडर है। ऐसे में भविष्य में एनपीए नहीं मिलने से इन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।
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