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एमसी शिमला के चुनाव करवाने की तैयारी में सुक्खू सरकार
शिमला। प्रदेश की सुक्खू सरकार शिमला नगर निगम के चुनाव करवाने की तैयारी में हैं। हालांकि पिछले कार्यकाल को पूरा हुए सात महीने बीत चुके हैं, लेकिन पिछली बीजेपी सरकार ने चुनाव नहीं करवाए। गौरतलब है कि 18 जून 2022 को वर्तमान नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो गया था। ऐसे में शिमला नगर निगम मेयर और डिप्टी मेयर के बिना चला हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम शिमला के इस बार होने वाले चुनाव इस बार पार्टी चिन्ह पर हो सकते हैं। इससे पूर्व वर्ष 2017 में चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं हुए थे। ऐसे में दस साल बाद शिमला में पार्टी चिन्ह पर चुनाव होंगे।
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नगर निगम शिमला के चुनाव वर्ष 2012 तक पार्टी चिन्ह पर चुनाव होते रहे, लेकिन साल 2017 में फिर सरकार ने बिना पार्टी चिन्ह के चुनाव करवाने का फैसला लिया। अब दस साल बाद शिमला नगर निगम के चुनाव पार्टी चिन्ह पर होंगे। इससे पार्टी टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर स्पष्टता आएगी। साथ ही पार्टी से टिकट लेने को लेकर मारामारी ज्यादा होगी।
नगर निगम में 31 साल में पहली बार बीजेपी ने 2017 के चुनाव में अपना कब्जा जमाया था। इससे पहले निगम पर हमेशा से ही कांग्रेस का कब्जा था। वर्ष 2012 में महापौर और उप महापौर के लिए प्रत्यक्ष चुनाव हुए थे तो दोनों पदों पर माकपा ने जीत जर्त की थी।
सोलन-पालमपुर में कांग्रेस, मंडी-धर्मशाला में बीजेपीनगर निगम सोलन, मंडी, पालमपुर और धर्मशाला में भी पिछले चुनाव पार्टी सिंबल पर हुए थे। सोलन, पालमपुर और मंडी को पहली बार एम का दर्जा मिला और यहां एक ही चुनाव हुए, जबकि धर्मशाला में दो चुनाव हो चुके हैं। वर्तमान में पालमपुर और सोलन में कांग्रेस तो मंडी और धर्मशाला में बीजेपी शासित नगर निगम हैं।