-
Advertisement
सरकार तय करेगी कि भांग की खेती का दुरुपयोग नशे में न हो: नेगी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने (Legalize Cannabis Farming In Himachal ) के मकसद को लेकर शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा के पटल (Floor Of Himachal Pradesh Assembly) पर रखी। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का पूरा नियंत्रण रखेगी कि भांग की खेती का दुरुपयोग नशे को बढ़ावा देने में न हो।
भांग की खेती का मुद्दा विधानसभा के पिछले बजट सत्र में भी उठा था। फिर सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। सुंदर ठाकुर, हंस राज, जनक राज, सुरेंद्र शौरी और पूर्ण चंद कमेटी के सदस्य हैं। कमेटी ने राज्य के सभी जिलों का दौरा कर पंचायत स्तर से जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिए और तीन राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का दौरा कर भांग की खेती को औषधीय और औद्योगिक रुप (For Herbal And Industrial Use) में अपनाने की बारीकियों की जानकारी ली। सरकार ने इसी कमेटी की रिपोर्ट को सदन में पेश किया है।
यह भी पढ़े:निगुलसरी में सड़क बहाली का काम अंतिम पड़ाव पर पहुंचा ,मंत्री जगत सिंह नेगी जुटे हैं मौके पर
बीज सरकार देगी, खेती होगी पॉलहाउस में
जगत सिंह नेगी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उतराखंड सहित अन्य राज्यों में नशा मुक्त भांग की खेती लीगल है। NDPS एक्ट में भी भांग की खेती पर राज्यों को लीगल करने का अधिकार दिया गया है। भांग की खेती से प्रदेश की आर्थिक स्थिति (Economic Condition Of Himachal) को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। नशा मुक्त भांग की खेती को हिमाचल प्रदेश में लीगल करने से सरकार की आय में वृद्धि होगी और कानून में भी इसका प्रावधान है। भांग की खेती में नशे की मात्रा 0.3 ही होगी। उन्होंने बताया कि भांग की खेती को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जायेगी। बीज सरकार देगी, खेती पॉली हाउस (Poly House) में होगी। इसका भी प्रावधान किया जायेगा। भांग की खेती का नशे में प्रयोग न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरा नियंत्रण रखेगी।
विपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ पुलिस भांग की खेती को उखाड़ रही है तो दूसरी तरफ़ भांग की खेती को लीगल कर रही है। सरकार नशा मुक्त भांग की खेती करने की बात कह रही है। लेकिन ये कैसे हो पायेगा इस पर सवाल है। दूसरे राज्यों में क्या परिणाम रहे हैं। उस पर जानकारी के अलावा जनभावना का भी ध्यान रखना होगा।