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सुख सरकार 300 यूनिट फ्री बिजली देने के लिए तीन साल में दो हजार मेगावाट बिजली करेगी पैदा
शिमला। हिमाचल की सुख सरकार (Himachal’s Sukh government) विधानसभा चुनावों के दौरान 300 यूनिट फ्री बिजली (Free Electricity) देने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए अगले तीन वर्षों में दो हजार मेगावाट बिजली (Generate 2,000 MW of Electricity) पैदा करेगी। यह बिजली पैदा होने के बाद ही सरकार अपने इस चुनावी वादे को पूरा करेगी। यह बात सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने शुक्रवार को विधानसभा में बीजेपी सदस्य विपिन सिंह परमार (BJP member Vipin Singh Parmar) द्वारा लाए गए निजी संकल्प पर हुई चर्चा के जवाब में कही। बाद में सीएम के जवाब से संतुष्ट विपिन सिंह परमार ने अपना संकल्प वापस ले लिया। सीएम सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में पूर्व सरकारों द्वारा बिना रायल्टी अथवा बहुत कम रायल्टी पर आवंटित सभी परियोजनाओं की समीक्षा करेगी और इन परियोजनाओं से कम से कम 12 फीसदी निशुल्क बिजली रायल्टी के रूप में हासिल करने का प्रयास करेगी। इन परियोजनाओं में धौलासिद्ध, सुन्नी, लूहरी और अन्य परियोजनाएं शामिल हैं।
30 फीसदी निशुल्क बिजली लेने का भी प्रयास करेंगे जो परियोजनाएं कर्ज मुक्त हो चुकी हैं
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में स्थापित उन सभी पन बिजली परियोजनाओं से 30 फीसदी निशुल्क बिजली लेने का भी प्रयास करेगी, जो परियोजनाएं कर्ज मुक्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यदि इस कार्य में सफलता मिलती है तो हर साल राज्य को 10 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि प्रदेश में सरकार बदलते ही पावर पालिसी भी बदल जाती है, जिस कारण प्रदेश की रायल्टी लगातार घटती गई।
बीबीएमबी में पार्टनर स्टेट बनने के लिए भी सरकार प्रयासरत
सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में इस समय 12 हजार मेगावाट बिजली पैदा हो रही है, लेकिन इसमें प्रदेश का हिस्सा नाम मात्र का है। उन्होंने कहा कि दो मार्च 2024 को शानन पनबिजली परियोजना की 99 साल की लीज पूरी हो जाएगी और प्रदेश सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए लगातार प्रयासरत है। सीएम ने कहा कि बीबीएमबी में पार्टनर स्टेट बनने के लिए भी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल के पास आय के स्रोत बढ़ाने के दो ही रास्ते हैं। इनमें एक हाइड्रो पावर और दूसरा ग्रीन हाइड्रोजन है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 500 मेगावाट सोलर पावर उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इससे पूर्व संकल्प पेश करते हुए विपिन सिंह परमार ने प्रदेश में जलविद्युत परियोजनाओं में प्रदेश की हिस्सेदारी को बढ़ाने तथा लाभांश समझौते की अनुपालना न होने से प्रदेश को हो रहे आर्थिक नुकसान पर नीति बनाने के लिए सदन में विचार करने का आग्रह किया। संकल्प पर हुई चर्चा में विधायक राकेश जम्वाल, राजेश धर्माणी, केवल सिंह पठानिया, जेआर कटवाल, चंद्रशेखर और त्रिलोक जम्वाल ने हिस्सा लिया।