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जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को केंद्र प्रशासित प्रदेश बनाने के बाद वहां पर इंटरनेट (Internet) की 3जी और 4जी सेवाओं पर बैन लगाया गया है। जम्मू-कश्मीर में दो जिलों को छोड़ कर फिलहाल कहीं भी इंटरनेट की 4जी सेवाएं (4G) नहीं दी जा रही है। अब एक नई खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि इंटरनेट की सेवाएं स्लो होने के कारण अब आतंकी (Terrorist ) अपनी बातचीत के लिए फेसबुक और व्हाट्सऐप (Facebook-Whatsapp) को छोड़ अन्य ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि अधिकारियों ने इन ऐप का नाम नहीं बताया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इन ऐप को 2जी में भी चलाया जा सकता है।
अधिकारियों ने इतना बताया कि इनमें से एक ऐप अमेरिकी कंपनी का है जबकि दूसरा ऐप यूरोप की कंपनी की तरफ से संचालित है। अधिकारियों के मुताबिक नवीनतम तीसरे एप्लिकेशन को तुर्की की कंपनी ने विकसित किया है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद यहां पर इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी थी। इसके करीब एक साल बाद टूजी सेवा बहाल की गई थी।
आतंकी जिन ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं उनमें एक कंपनी अमेरिका की भी है। इसके अलावा दूसरी कंपनी यूरोप और तीसरी कंपनी तुर्की की है, जिनकी ऐप आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं। एप कूटलेखन अल्गोरिदम आरएसए- 2048 का इस्तेमाल करता है जिसे सबसे सुरक्षित कूटलेखन मंच माना जाता है।
बताया जा रहा है कि ये मैसेजिंग एप्लीकेशन वेब पर मुफ्त में उपलब्ध हैं और इन्हें कम इंटरनेट स्पीड में भी आसानी से चलाया जा सकता है। हालांकि देखना होगा अब इनका क्या तोड़ निकाला जा सकता है।
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