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हाईकोर्ट ने बरकरार रखी दुष्कर्म के आरोपियों को सुनाई गई सजा
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपियों को सुनाई गई 12-12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा को बरकरार रखा है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सत्र न्यायाधीश किन्नौर के निर्णय पर अपनी मुहर लगाते हुए यह स्पष्ट किया कि निचली अदालत द्वारा पारित फैसले में किसी भी तरह के फेर बदल की गुंजाइश नहीं है। ट्रायल कोर्ट ने रामपुर निवासी कुलदीप कुमार और संजीत कुमार को 14 वर्ष की छात्रा का अपहरण व दुष्कर्म के जुर्म के लिए दोषी पाया था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 12-12 cipf-es.org वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 और 376डी के तहत मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष के मुताबिक वर्ष 2014 में पीड़िता नौवीं कक्षा में पढ़ती थी।
स्कूल से वापिस आ रही थी छात्रा
3 जुलाई 2014 को जब वह स्कूल से वापिस आ रही थी तो सुनील कुमार ने उसे जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा दिया। कुलदीप और संजीत पहले से ही गाड़ी में बैठे थे। सभी लोग पीड़िता को जंगल में ले गए और वहां उससे दुष्कर्म किया। दूसरे दिन पीड़िता ने सारी बात अपनी मां को बताई। शिकायत करने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया और विचारण अदालत के समक्ष अभियोग चालाया। अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने के लिए 13 गवाहों के बयान दर्ज करवाए। ट्रायल कोर्ट ने तीनों को 12-12 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। कुलदीप और संजीत की अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने सत्र न्यायाधीश किन्नौर के निर्णय पर अपनी मुहर लगाई है।