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यहां हर घर से एक शख्स है फौजी, एशिया का सबसे बड़ा गांव होने का है तमगा
एक ऐसा भी गांव है जहां हर घर का कम से कम एक सदस्य फौज में है। इस गांव को एशिया का सबसे बड़ा गांव होने का दर्जा भी हासिल है। गांव की जनसंख्या एक लाख बीस हजार है तो ये 15 किलोमीटर में फैला हुआ है। कहा जाता है इस गांव के लोगों में आर्मी में जाने का एक जुनून सा रहता है और वो शुरू से ही आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करने की ठान लेते हैं। इसलिए ही बड़े होते ही हर घर का एक शख्स (Indian Army) इंडियन आर्मी में भर्ती हो जाता है।
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ये गांव यूपी के गाजीपुर जिले (Ghazipur district of UP) से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव की जनसंख्या लगभग एक लाख 20 हजार है। गांव लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है और यही कारण है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा गांव कहा जाता है। गांव को वर्ष 1530 में कुसुम देव राव ने बसाया था। इसे सकरा डीह नामक स्थान पर
बसाया गया था।कहा जाता है कि गांव में आर्मी भर्ती के लिए पहले हर साल कैंप भी लगाया जाता था। हालांकि, अब ऐसा नहीं होने से नौजवान लखनऊ, सिकंदराबाद और रुड़की आदि जगहों पर जाकर कोचिंग लेते हैं। इससे पहले गांव के सभी नौजवान (Youth) रोजाना भर्ती के लिए गांव में तैयारी करते दिखते हैं। इन तैयारियों में हेल्थ को सही रखना और आर्मी (Army) का टेस्ट निकालने जैसी कई तैयारियां शामिल होती है। गांव में पूर्व सैनिक सेवा समिति भी बनाई गई है, जिसमें कई रिटायर फौजी शामिल हैं। गांव के जवानों की वीरता के कई किस्से है, जिन्हें गांव के बड़े-बूढ़े बताने से कभी पीछे नहीं हटते।